वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल में सीजन का सबसे घना कोहरा, गलन का जोर, ट्रेनें और विमान विलंबित
वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में सीजन का सबसे घना कोहरा छाया रहा, जिससे ठंड बढ़ गई। सुबह 8 बजे तक गलन और कोहरे का प्रभाव रहा। हाइवे पर वाहन लाइट जलाकर ...और पढ़ें

घने कोहरे के बीच सुबह नौ बजे के बाद धूप मामूली रूप से खिली तो लोगों ने धूप भी सेंकी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल सहित वाराणसी में मौसम का रुख सीजन में पहली बार सबसे अधिक तल्ख रहा। तड़के से लेकर सुबह आठ बजे तक गलन के साथ ही प्रचंड कोहरे का जोर रहा। इस दौरान ठंडी हवाओं ने कंपाया तो गलन के जोर ने लोगों को बिस्तर में दुबकने को विवश किया। हाइवे पर वाहन फाग लाइट जलाकर दौड़ते दिखे तो सुस्त गति से सुबह देर तक अलसाई रही। हालांकि सुबह नौ बजे के बाद धूप मामूली रूप से खिली तो लोगों ने धूप भी सेंकी।
भीषण कोहरे से वाहनों की सुस्त गति के बीच वातावरण में घुली गलन ने लोगों का हाड़ तक कंपा कर रख दिया। मौसमी रुख में आया बदलाव सप्ताह भर बाद और तल्ख होने की उम्मीद जताई जा रही है। पश्चिमी विक्षोभ का जोर होने से पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी और पछुआ हवाओं का जोर पूर्वांचल तक गलन का असर लेकर आ रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मोसम का रुख और भी तल्ख होगा तो पारा पांच डिग्री के नीचे भी जा सकता है। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए घने कोहरे की उम्मीद पूर्व में ही जताई थी।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 24.8°C दर्ज किया गया जो सामान्य से 0.3 डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 10.5°C दर्ज किया गया जो सामान्य रहा। आर्द्रता न्यूनतम 76% और अधिकतम 95% दर्ज की गई। वातावरण में बड़ी आर्द्रता मौसमी बदलाव का भी संकेत दे रहा है। सुबह पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बादलों की सक्रियता बनी हुई थी जिसके पूर्वांचल तक जल्द पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि मौसम विभाग ने किसी बड़े मौसमी बदलाव के संकेत नहीं दिए हैं। माना जा रहा है कि गलन का जोर आगे और हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार ही मौसम का रुख लगातार घने कोहरे की ओर हो रहा है तो दूसरी ओर गलन का रुख भी बना हुआ है। वातावरण में नमी घुलने का असर बादलों की आवाजाही के रूप में हो सकता है जो अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित है। गलन बढ़ने से प्रशासन ने जहां अलाव की सुविधा के लिए जतन शुरू किए हैं तो वहीं दूसरी ओर ट्रेनों और विमानों की लेट लतीफी का दौर शुरू होने से यात्रा करने वालों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं।

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