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    अधिक आय होने पर कारोबार से जुड़े करदाताओं का टैक्स आडिट अनिवार्य, छूट को भी जानें

    वाराणसी में इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा कर लेखा परीक्षा और गुमनाम दान पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। विशेषज्ञों ने आयकर अधिनियम के प्रावधानों टैक्स ऑडिट की अनिवार्यता वित्तीय पारदर्शिता के महत्व और धार्मिक एवं चैरिटेबल संस्थाओं के लिए छूट पर प्रकाश डाला ज‍िसका लाभ कारोबार उठा सकते हैं।

    By Mukesh Chandra Srivastava Edited By: Abhishek sharma Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:10 PM (IST)
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    धार्मिक और चेरिटेबल संस्था की समीक्षा विषय पर सेमिनार का आयोजन।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। दी इंस्टिट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया की वाराणसी शाखा की ओर से शुक्रवार को महमूरगंज स्थित होटल बालाजी में ‘कर लेखा परीक्षा (आयकर के अंतर्गत) और गुमनाम दान, ट्रस्ट (धार्मिक और चेरिटेबल संस्था) की समीक्षा’ विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ।

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    इसके विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता सेंट्रल काउंसिल नई दिल्ली के सदस्य सीए अभय छाजेड़ ने बताया कि आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार, व्यवसाय एवं पेशे से जुड़े करदाताओं के लिए निर्धारित सीमा से अधिक टर्नओवर/आय होने पर टैक्स आडिट कराना अनिवार्य है।

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    यह प्रक्रिया न केवल कर अनुपालन को सुनिश्चित करती है, बल्कि वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को भी सुदृढ़ करती है। आयकर अधिनियम की धाराओं की गलत व्याख्या से टैक्स देयता में त्रुटियां हो सकती हैं। इन त्रुटियों से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने वित्तीय रिकार्डों का उचित रख-रखाव करें और आडिट रिपोर्ट तैयार करते समय सावधानी बरतें।

    दूसरे सत्र के वक्ता सीए प्रमोद जैन ने बताया कि टैक्स आडिट के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों चालान, बिल, और बैंक स्टेटमेंट संग्रह करना बहुत जरूरी होता है। व्यापारी का आडिटर के साथ सहयोग और आवश्यक जानकारी प्रदान करना भी बहुत जरूरी हैं जिससे कि विवरणों में कोई त्रुटि न रह जाए।

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    कार्यकर्म के तीसरे सत्र के वक्ता सीए आशीष कपूर ने बताया कि धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं को आयकर अधिनियम के तहत छूट प्राप्त हो सकती है। इसके लिए धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं को वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता होती है।

    इस मौके पर सुदेशना बसु, शाखा उपाध्यक्ष सीए वैभव मेहरोत्रा, कोषाध्यक्ष सीए रंजीत पांडे, शिकासा अध्यक्ष सीए श्री प्रकाश पांडे, कार्यकारिणी सदस्य सीए नमन कपूर, एवं शाखा पूर्व अध्यक्ष सीए अजय मिश्रा, सीए मनोज कुमार अग्रवाल, सीए रवि कुमार सिंह, सीए सोम दत्त रघु, सीए अमित कुमार गुप्ता, सीए सौरभ कुमार शर्मा, सीए विजय प्रकाश, सीए आलोक शिवाजी, सीए डी के सिंह, सीए राहुल सिंह, सीए बिपिन मेहरोत्रा, सीए रविन्द्र मोदी, सीए मनोज निगम, सीए जमुना शुक्ला, सीए पूनम अग्रवाल, सीए कैलाश यादव, सीए मनीष जायसवाल, सीए कौशल पांडे, सीए शिव केशरी, सीए मनीष श्रीवास्तव, सीए विंध्यवासिनी प्रजापति, सीए दिव्यांशु उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।स्वागत अध्यक्ष सीए नीरज कुमार सिंह, अध्यक्षता दीपक गुजराती, दीपक मित्तल, संचालन चहक बहल व मयूख दवे, धन्यवाद ज्ञापन विकास द्विवेदी ने किया।

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