वाराणसी में 25,000 यज्ञकुंडों से प्रज्ज्वलित होगा 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ
वाराणसी के स्वर्वेद महामंदिर धाम में विहंगम योग संत समाज के वार्षिकोत्सव पर 25-26 नवंबर को 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होगा। इस दिव्य आयोजन में लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु 25,000 हवन-कुण्डों में आहुतियाँ अर्पित करेंगे। यह विहंगम योग के इतिहास का सबसे विराट यज्ञ होगा, जिसका आध्यात्मिक प्रभाव पूरे काशी क्षेत्र पर पड़ेगा।

हजारों सेवा-कार्यकर्ता दिन-रात कुण्ड निर्माण, समतलीकरण और लेआउट तैयार करने में जुटे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, (चौबेपुर) वाराणसी। स्वर्वेद महामंदिर धाम, उमरहां- वाराणसी में 25-26 नवंबर को विहंगम योग संत समाज के 102वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाला 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है।
इस दिव्य आयोजन में लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु एक साथ 25,000 हवन-कुण्डों में आहुतियाँ अर्पित करेंगे, जो विहंगम योग के इतिहास का सबसे विराट यज्ञ होगा।
विहंगम योग, जो अपनी उत्कृष्ट साधना पद्धति के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है, इस ऐतिहासिक क्षण के माध्यम से एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। पूरे परिसर में हवन-कुण्डों का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है।
हजारों सेवा-कार्यकर्ता दिन-रात कुण्ड निर्माण, समतलीकरण और लेआउट तैयार करने में जुटे हुए हैं। अब तक लगभग 12,000 कुण्ड स्थापित किए जा चुके हैं, और शेष कुण्डों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज स्वयं व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में देशभर से आए हजारों सेवकगण पूरी निष्ठा से सेवा में लगे हुए हैं। आयोजकों का मानना है कि इस महायज्ञ का दिव्य प्रभाव केवल यज्ञस्थल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समस्त काशी क्षेत्र पर इसका आध्यात्मिक प्रभाव अनुभव किया जाएगा।
इस महायज्ञ के लिए लगभग 200 मेट्रिक टन हवन-सामग्री की व्यवस्था की जा रही है। इसमें भारतीय वेद लक्षणा गाय का शुद्ध बिलोना घी, गो-पदार्थ, नैसर्गिक जड़ी-बूटियाँ, दुर्लभ औषधियाँ, सुगंधित द्रव्य, मिष्ठान, आहुति द्रव्य, वैदिक सामग्री और यज्ञ में प्रयुक्त होने वाली पवित्र लकड़ी शामिल है। यह सामग्री यज्ञ-स्थल को दिव्य तेजस्विता से आलोकित करेंगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।