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    विश्व एड्स दिवस पर बीएचयू में शुगर और बीपी जांच शिविर, एड्स के इलाज और सुरक्षा पर मंथन

    बीएचयू के एआरटी सेंटर में लेवल दो और तीन का उपचार है। यहां पर पूर्वांचल के साथ ही बिहार झारखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के भी मरीज आते हैं। इसे आर्टी सेंटर पर करीब 25000 मरीजों का रजिस्ट्रेशन है इनको नियमित दवा दी जाती है।

    By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Wed, 01 Dec 2021 06:05 PM (IST)
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    एआरटी सेंटर में बुधवार को शुगर और बीपी जांच शिविर का आयोजन हुआ।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। विश्व एड्स दिवस पर बुधवार को चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर में बुधवार को शुगर और बीपी जांच शिविर का आयोजन हुआ। शिविर के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बीआर मित्तल और सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर के के गुप्ता थे। प्रोफेसर डीआर मित्तल ने एचआईवी पीड़ित लोगों से समय पर सभी दवाएं और उपचार कराने की अपील की। लोगों से कहा कि असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित सुई के इस्तेमाल से बचना चाहिए, जिसके कारणों से एड्स फैलता है। उन्होंने कहा कि अगर एड्स के लक्षण दिखे तो मरीज को उपचार शुरू करा देना चाहिए। अगर समय पर उपचार हो तो एड्स पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।

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    बताया कि बीएचयू के एआरटी सेंटर में लेवल दो और तीन का उपचार है। यहां पर पूर्वांचल के साथ ही बिहार झारखंड मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के भी मरीज आते हैं। इसे आर्टी सेंटर पर करीब 25000 मरीजों का रजिस्ट्रेशन है इनको नियमित दवा दी जाती है। इस मौके पर प्रो. श्याम सुंदर, प्रो. धीरज किशोर, डा. लवीना चौबे, डा. एलपी मीना, डा. अशोक चौधरी, डा. रागिनी तिलक, डा. सुनील राव, प्रो. प्रद्युत, डा. अनुराधा जोहरी, डा. अर्चना, प्रो. जया चक्रवर्ती, डा. मनोज तैयारी, सुनील सिंह, प्रतिभा पांडेय, साधना भारद्वाज, अनिल सिंह, मनीष सिंह, रोशनी वर्मा, अमरजीत सिंह, अनुश्री, पवन कुमार कुशवाहा, ममता चक्रवर्ती, शिप्रा, राजोश्री आदि मौजूद थे।

    बीएचयू में एआरटी सेंटर की स्थापना सन् 2005 में की गई। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बडा एआरटी सेन्टर है। देश के 10 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में से यह एक है। एआरटी सेंटर, आईएमएस, बीएचयू में कुल 25683 पीएलएचआइवी संक्रमित मरीज पंजीकृत हैं। जिनमें से 6000 पीएलएचआइवी मरीज नियमित दवा लेने एआरटी सेंटर आते हैं। एआरटी सेंटर से 500 एचआईवी संक्रमित बच्चे नियमित एआरवी ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ, झारखण्ड व मध्य प्रदेष के मरीजों को तीसरे क्रम की दवा विषेषज्ञों के अनुशंसा से प्रदान करने वाला एक मात्र केंद्र है।