यूपी के वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट का ऐसा थाना जहां दो वर्षों से नहीं कटी एक भी केस डायरी
धर्म-संस्कृति व पर्यटन की नगरी काशी में एक ऐसा थाना भी है जहां दो वर्षों में एक भी मुकदमा नहीं लिखा गया और न ही केस डायरी कटी। यह भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ में स्थित पर्यटक थाना है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : धर्म-संस्कृति व पर्यटन की नगरी काशी में एक ऐसा थाना भी है जहां दो वर्षों में एक भी मुकदमा नहीं लिखा गया और न ही केस डायरी कटी। यह भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ में स्थित पर्यटक थाना है।
दो वर्षों से शहर के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुलिस घूमती रहती है। यहां पहले की अपेक्षा अब प्रतिदिन करीब एक लाख पर्यटक आ रहे हैं। खास कर बदलते बनारस की तस्वीर देखने खींचे चले आ रहे हैं। खास मौकों पर इनकी संख्या और भी बढ़ जाती है। सिर्फ जुलाई में ही इनकी संख्या 40 लाख तक रही।
वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर दूर सारनाथ में यह थाना काशी में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पांच मार्च 2020 को खोला गया। इस थाने में एक थाना प्रभारी, दो महिला आरक्षी, दो पुरुष आरक्षी के साथ कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर तैनात हैं। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिगत कमिश्नरेट पुलिस के अधीन पर्यटक थाने में तैनाती की गई।
इस थाने में पहले थाना प्रभारी संजय त्रिपाठी व दूसरे अरविंद कुमार थाना प्रभारी हैं। थाना प्रभारी का दावा है कि वे अपनी टीम के साथ बराबर काशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूमने वाले पर्यटकों पर निगरानी रखते हैं। वहीं इसके बाद भी पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों को कथित गाइड घूमते नजर आते हैं। यही नहीं पर्यटकों के साथ होने वाली घटना की जानकारी भी नहीं हो पाती है।
काशी के पर्यटन स्थलों पर निगरानी
काशी के प्रमुख पर्यटन स्थल सारनाथ, दशाश्वमेध घाट, रामनगर, बाबतपुर, मान मंदिर सहित घाटों पर आने वाले पर्यटकों की निगरानी करते हैं। थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि थाना वर्ष 2020 में बना तभी से कोरोना महामारी के चलते विदेशी पर्यटकों का आना बंद हो गया है।
वैसे पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए शहर के प्रमुख स्थलों पर निगरानी की जाती है। कथित गाइडों से पूछताछ कर हिदायत भी जाती है। पर्यटकों की संख्या में तो वृद्धि हुई है लेकिन थानों पर कर्मियों की संख्या उस हिसाब से बहुत कम है।

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