स्कूल में छात्र पर फेंका चावल का गरम मांड, हेडमास्टर ने बच्चे को दी चुप रहने की धमकी, देखें वीडियो...
वाराणसी के कोटवा प्राथमिक विद्यालय में एक रसोइये ने चौथी कक्षा के छात्र सत्यम पर गर्म चावल का मांड फेंक दिया जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। परिजनों का आरोप है कि हेडमास्टर ने बच्चे को चुप रहने की धमकी दी और मामले को दबाने की कोशिश की। बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है और पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पहलु का पुरा प्राथमिक विद्यालय में दाल के भगोने में गिरकर झुलसे कक्षा एक के छात्र का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि ऐसी ही एक और घटना सामने आई है। कोटवा प्राथमिक विद्यालय में रसोइये ने कक्षा चार के छात्र सत्यम पर गर्म चावल का मांड फेंक दिया है।
इस हादसे में बच्चा लगभग 20 प्रतिशत झुलस गया है। उसका कबीरचौरा स्थित शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल में इलाज चल रहा है। आरोप है कि हेडमास्टर के कहने पर शिक्षकों ने तुरंत बच्चे को ठंडे पानी से नहला दिया। छात्र अपने घर जाने के लिए बोलता रहा, लेकिन हेडमास्टर ने उसे घर नहीं जाने दिया। करीब एक घंटे बाद उसके घर भेजा।
देखें वीडियो :
#Varanasi में स्कूली छात्र पर रसोइए ने गर्म चावल का माड़ फेंक दिया जिससे वह झुलस गया। pic.twitter.com/RXi4vE5NYM
— Abhishek sharma (@officeofabhi) August 31, 2025
घर भेजने से पहले हेडमास्टर ने सत्यम को धमकी दी कि किसी से कुछ बताया तो डंडे से पीटूंगा, लेकिन उसके पैर पर छाले पड़ गए थे। घर पहुंचा तो उसने अपनी मां सोना को पूरी बात बताई। इसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिए कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती कराया। इससे पहले सत्यम को पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल अस्पताल ले गए थे जहां से चिकित्सकों ने कबीरचौरा रेफर कर दिया था।\\B
टायलेट से लौट रहा था सत्यम
अस्पताल में भर्ती छात्र सत्यम राजभर ने बताया कि वह पानी पीने गया था। पानी पीने के बाद वह उधर से ही टायलेट की तरफ चला गया। इस दौरान रसोइया ने उसे जाते हुए देखा था। वह बच्चों का खाना बना रहा था। सत्यम के अनुसार जब वह टायलेट से लौट रहा था तभी उसके ऊपर चावल का गर्म पानी फेंक दिया गया। वह चिल्लाना शुरू किया तो हेडमास्टर, टीचर और बाकी बच्चे भी आ गए।
मास्टरों ने ठंडे पानी से नहलाया, एक घंटे रोके रखा और धमकाया
हेडमास्टर ने कहा कि इसके कपड़े उतार दो, देखो कहां जला है। हेडमास्टर के कहने पर टीचर ने कपड़े उतार दिए। इसके बाद ठंडे पानी से नहला दिया। सत्यम बार-बार घर जाने के लिए बोलता रहा, लेकिन उसे घर नहीं जाने दिया। सत्यम ने बताया कि अंत में वह मम्मी के पास जाने के लिए रोने लगा तो हेडमास्टर ने कहा, ठीक है घर जाओ लेकिन अगर किसी को कुछ बताया तो डंडे से मारेंगे। इस पर वह डर गया और चुप हो गया। इसके बाद टीचर उसे घर लेकर गए।
मुंह बंद करने को दिए 500 रुपये
सत्यम की मां सोना ने बताया उसका बच्चा दोपहर 11 बजे जला और शिक्षक उसे लेकर दोपहर 12 बजे घर आए। यहां मुझे 500 रुपये देने लगे कि बच्चे का इलाज करवा लेना। पति गरीब रिक्शा चालक हैं। वो रात में आए तो उन्हें बताया फिर हम लोग बच्चे को लेकर जिला अस्पताल गए। वहां से हमें कबीरचौरा रेफर कर दिया गया।
पुलिस ने नहीं सुनी मां की गुहार
सत्यम की मां सोना ने आरोप लगाया कि वह पुलिस चौकी भी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मांग किया कि बच्चे का बेहतर इलाज हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। सरायमोहना चौकी प्रभारी अनुज शुक्ला ने बताया कि मामला संज्ञान में है लेकिन मामले की लिखित शिकायत नही की गई है, लिखित शिकायत होने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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