Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी में निर्वाचक नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) का कार्यक्रम तय, जरूरी दस्‍तावेजों की ल‍िस्‍ट जारी

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 06:55 PM (IST)

    वाराणसी में निर्वाचक नामावली के विशेष पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। मतदाता सूची को अपडेट करने और नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची भी जारी की गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित न रहे।

    Hero Image

    निर्वाचक नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) के लिए कार्यक्रम क्रम निर्धारित किया गया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिला निर्वाचन अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार निर्वाचक नामावली के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) के लिए कार्यक्रम क्रम निर्धारित किया गया है।

    विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण से संबंधित तैयार, प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्रों का मुद्रण 28 अक्टूबर, 2025 से 03 नवम्बर, 2025 तक किया जाएगा। इसके बाद बी.एल.ओ. द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र उपलब्ध कराने का कार्य 04 नवम्बर, 2025 से 04 दिसम्बर, 2025 तक चलेगा। निर्वाचक नामावली का आलेख्य प्रकाशन 09 दिसम्बर, 2025 को होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दावे एवं आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक निर्धारित की गई है। इसके बाद नोटिस जारी करने, सुनवाई एवं सत्यापन के साथ-साथ दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण तथा गणना प्रपत्रों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया 09 दिसम्बर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक चलेगी। अंततः, निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 07 फरवरी, 2026 को किया जाएगा।

    मतदाता सूची के प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बी.एल.ओ. द्वारा घर-घर जाकर एनुमरेशन फार्म का वितरण किया जाएगा। मतदाता को फार्म भरकर बी.एल.ओ. को उपलब्ध कराना होगा। यदि किसी मतदाता का जन्म भारत में 01 जुलाई, 1987 के पूर्व हुआ है और उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में है, तो उन्हें केवल एनुमरेशन फॉर्म भरवाना है और 2003 की मतदाता सूची का साक्ष्य अपलोड करना होगा।

    यदि किसी मतदाता का जन्म 01 जुलाई, 1987 के पूर्व हुआ है और उनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, तो उन्हें जन्म तिथि या जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसी प्रकार, यदि किसी मतदाता का जन्म 01 जुलाई, 1987 और 02 दिसम्बर, 2004 के बीच हुआ है, तो उन्हें अपने जन्म तिथि और जन्म स्थान के प्रमाण के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

    यदि किसी मतदाता का जन्म 02 दिसम्बर, 2004 के बाद हुआ है, तो उन्हें अपने जन्म तिथि या जन्म स्थान को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। इस प्रकार, निर्वाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए सभी मतदाताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे समय पर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें।

    1- केंद्रीय/राज्य/सार्वजनिक उपक्रम के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी को निर्गत कोई पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)।

    2-सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/ एलआईसी/ 0सार्वजनिक उपक्रम द्वारा भारत में 01.07.1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाण पत्र/दस्तावेज ।

    3-सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र ।

    4-पासपोर्ट

    5- मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा निर्गत मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र।

    6- सक्षम राज्य प्राधिकारी द्वारा निर्गत स्थायी निवास प्रमाण पत्र।

    7-वन अधिकार प्रमाण-पत्र

    8-सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अथवा कोई जाति प्रमाण पत्र ।

    9-राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां यह उपलब्ध हो)।

    10-राज्य/स्थानीय प्राधिकारी द्वारा निर्गत परिवार रजिस्टर की नकल/प्रति ।

    11-सरकार द्वारा आवंटित भूमि/मकान का प्रमाण पत्र।

    12-आधार कार्ड

    13-बिहार प्रान्त में सम्पन्न हुये प्रगाढ़ पुनरीक्षण की मतदाता सूची में मतदाता का नाम दर्ज है तो उसकी प्रति संलग्न करना है।