सबसे बड़ा बिजली उत्पादक है सोनभद्र, 10 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने वाला अकेला जनपद
उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा वन बाहुल्य जनपद के तौर पर सोनभद्र पिछले कई दशकों से बिजली उत्पादन में भी शीर्ष पर बना हुआ है
वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा वन बाहुल्य जनपद के तौर पर सोनभद्र पिछले कई दशकों से बिजली उत्पादन में भी शीर्ष पर बना हुआ है। सोनभद्र पूरे देश में सबसे ज्यादा बिजली पैदा करने वाला जिला है। फिलहाल केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण कोयला और हाइड्रो के बाद अक्षय ऊर्जा के लिए भी सोनभद्र में विशेष संभावनाएं तलाश रहा है। खनिज बाहुल्य जनपद होने के साथ भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पूरे देश की निगाहें सोनभद्र पर टिकी हुयी है। देश के कई बड़े उद्योग घराने सोनभद्र में बड़ी सम्भावनाएं तलाश रहे हैं।
कोयला आधारित बिजली का सबसे बड़ा उत्पादक
कोयला आधारित बिजली उत्पादन के मामले में सोनभद्र एकमात्र जनपद है जो 10 हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली पैदा करता है। पिछले पांच दशक के दौरान जनपद के उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम अंतर्गत ओबरा में 1530 मेगावाट,अनपरा में 2630 मेगावाट, लैंको 1000 मेगावाट, एनटीपीसी अंतर्गत शक्तिनगर 3000 मेगावाट, बीजपुर 3000 मेगावाट की इकाइयां स्थापित है। इसके अलावा ओबरा-सी के तहत 660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्माणाधीन हैं। एनटीपीसी के तहत भी 800 मेगावाट की दो इकाइयां और ओबरा दी के तहत 800 मेगावाट की इकाइयां प्रस्तावित है। इन इकाइयों के स्थापना के बाद जनपद में कोयला आधारित बिजली उत्पादन 15 हजार मेगावाट से ज्यादा हो जाएगा।
देश का सबसे बड़ा तैरता सौर ऊर्जा प्लांट लगेगा
यूपी कैबिनेट ने चालू वित्त वर्ष में ही रिहन्द डैम में पहला और देश का सबसे बडा तैरता सोलर ऊर्जा प्लान लगाने को स्वीकृति दी है। इसमें शुरुआत में 750 करोड़ का निवेश होगा। प्रदेश सरकार ने अभी 550 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाने को स्वीकृति दी है। फिलहाल प्रतिस्पर्धा निविदा के आधार पर बीएसपीएल नई दिल्ली को 140 मेगावाट, एनटीपी नोयडा को 85 मेगावाट, महोबा सोलर को 50 मेगावाट, टाटा पावर को 50 मेगावाट, जैक्शन पावर को 50 मेगावाट, गिरिराज रिन्युबल्स प्रालि को 100 मेगावाट आदि को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की अनुमति दी गई है।
इसे भी जानें
अनपरा परियोजनाओं की विद्युत उत्पादन क्षमता 2630मेवा है।
अनपरा ए की तीन इकाइयां
पहली इकाई 26 मार्च 1986,
दूसरी इकाई 28 फरवरी 1987
एवं तीसरी इकाई 12 मार्च 1988 को चालू हुईं।
अनपरा बी की दो इकाइयां
चौथी इकाई 19 जुलाई 1993
पांचवीं इकाई चार जुलाई 1994 में चालू हुईं।
अनपरा डी की दो इकाइयां
छठवीं इकाई 31 मार्च 2015 एवं
सातवीं इकाई 23 फरवरी 2016 को चालू हुईं।
प्लांट की स्थापना
- बिड़ला समूह की रेणुसागर में बिजली संयंत्र की स्थापना 1967, क्षमता 887.2 मेगावाट।
- एनटीपीसी की सिंगरौली थर्मल पावर प्लांट की स्थापना 1984 में,
- बीजपुर में रिहंद थर्मल पावर प्लांट की स्थापना 1989 में
- लैंको अनपरा पावर प्लांट की स्थापना 2008 में, क्षमता 1200 मेगावाट।
- एनसीएल की स्थापना 28 नवंबर 1985 में। इसकी 12 परियोजनाएं हैं। इसमें अमलोरी, निगाही, जयंत, दुधीचुआ, खडिय़ा, कृष्णशिला, बीना, ककरी, ङ्क्षझगुरदह, ब्लाक-बी, सीडब्ल्यूएस जयंत, आईडब्ल्यूएसएस खडिय़ शामिल हैं।