नीति आयोग के डेल्टा रैकिंग में सोनभद्र को मिला चौथा स्थान, चंदौली को 9 वीं रैंक
सोनभद्र जिला विकास के मापदंडों पर खरा उतरा है। नीति आयोग की तरफ से गुरुवार की रात अगस्त 2021 की स्थिति जारी की गई। इसमें आकांक्षी जनपदों की डेल्टा रैकिंग में सोनभद्र को विभिन्न मानकों पर अच्छा प्रदर्शन करते हुए चौथा हासिल किया है।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। देश के 112 अति पिछड़े जिलों में शामिल उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला विकास के मापदंडों पर खरा उतरा है। नीति आयोग की तरफ से गुरुवार की रात अगस्त 2021 की स्थिति जारी की गई। इसमें आकांक्षी जनपदों की डेल्टा रैकिंग में सोनभद्र को विभिन्न मानकों पर अच्छा प्रदर्शन करते हुए चौथा हासिल किया है। जबकि पड़ोसी जनपद चंदौली को डेल्टा रैकिंग में 9 वीं रैंक मिली है। इसके पहले जुलाई की डेल्टा रैकिंग में सोनभद्र को पांचवीं रैंक मिली थी।
स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और बुनियादी अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हुए जनपद ने अपने डेल्टा अंकों में 2.1 अंकों की वृद्धि की है। पूरे देश के 112 आकांक्षी जनपदों की जारी डेल्टा रैकिंग पर गौर करें तो जिले का कंपोजीट स्कोर 56.3 मिला है। यानी गत माह 54.2 के स्करे से 2.3 अंक की वृद्धि हुई है। जुलाई में पांचवीं रैंक मिली थी। स्वास्थ्य एवं पोषण में 73.9 के स्कोर के साथ 7 वीं रैंक, शिक्षा में 60.6 अंक के साथ 11वीं रैंक, कृषि एवं जल संसाधन में 26 अंक के साथ 12 वीं रैंक, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास में 29.8 अंक के साथ 5 वीं रैंक और बुनियादी अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में 77.8 अंक के साथ 51 वीं रैंक मिली है। प्रदेश के अन्य आकांक्षी जनपदों की बात करें तो बहराइच को 7 वीं, बलरामपुर को 18 वीं, चंदौली को 9 वीं, चित्रकूट को 5 वीं, फतेहपुर को दूसरी, श्रावस्ती को 8 वीं व सिद्धार्थनगर को तीसरी रैंक मिली है।
वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास में सर्वाधिक सुधार
इस बार की डेल्टा रैंकिंग में जनपद को पूरे देशभर में चौथा स्थान पाने के लिए वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास के क्षेत्र में तेज विकास को अहम कारण माना जा रहा है। विकास विभाग के अधिकारियों की मानें तो नीति आयोग अपने गोपनीय सर्वे, प्राप्त आंकड़ों के आधार पर डेल्टा रैंकिंग तैयार करती है। जारी रैंकिंग में सबसे बेहतर सुधार वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास के क्षेत्र में हुआ है। जुलाई में जो स्कोर 23.9 था वह अगस्त में 29.8 हो गया। इस तरह से 5.9 अंक का सुधार हुआ। इसके साथ ही कृषि एवं जल संसाधन में भी 3.3 अंक का सुधार हुआ है।
अधिक संख्या में खोले गए खाते व मिला रोजगार
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि वित्तिय समावेशन व कौशल विकास में सुधार करने के लिए अधिक से अधिक संख्या में कैंप लगाकर लोगों के खाते खोले गए। इससे कि सरकारी योजनाओं का लाभ उनको मिल सके। इसके अलावा कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा गया है। कृषि के क्षेत्र में भी बेहतर काम किया जा रहा है। सभी विकास कार्यों की मानिटरिंग की जा रही है। इसी के चलते जिले की रैकिंग में सुधार हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।