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    12 राष्‍ट्रीय पक्षी मोर और प्रत‍िबंध‍ित तोते की तस्‍करी उजागर, चार तस्‍कर गिरफ्तार

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 04:23 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और वन विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 12 राष्ट्रीय पक्षी मोर और प्रतिबंधित तोते की तस्करी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। बरामद पक्षियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।

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    एसटीएफ की विभिन्न टीमों को सूचना संकलन और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने वाराणसी में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए वन्य जीवों की तस्करी करने वाले चार तस्करों को गिरफ्तार किया। इन तस्करों के पास से 245 प्रतिबंधित तोते और 12 मोर (जो कि राष्ट्रीय पक्षी हैं) बरामद किए गए। यह कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखौना चौराहे के निकट की गई, जहां तस्कर एक वाहन में इन जीवों को ले जा रहे थे।

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    गिरफ्तार किए गए तस्करों में मो. वसीम उर्फ अरमान, निवासी आसनसोल, पश्चिम बंगाल। मो. आयूब, निवासी मोहल्ला दुबराज, वर्धमान, पश्चिम बंगाल। नितेश दिवाकर, निवासी कसेंदा, कौशाम्बी और अमन कुमार, निवासी गोविंदपुर, प्रयागराज आद‍ि शाम‍िल हैं।

    गिरफ्तारी की कार्रवाई रात लगभग 09:55 बजे की गई। एसटीएफ को लंबे समय से वन्य जीवों की अवैध तस्करी की सूचना मिल रही थी। इस संदर्भ में, एसटीएफ की विभिन्न टीमों को सूचना संकलन और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था।

    गिरफ्तारी के समय, एसटीएफ की टीम ने सूचना के आधार पर वाराणसी में गश्त कर रही थी। उन्हें जानकारी मिली कि प्रयागराज और कौशाम्बी से चार लोग एक वाहन में प्रतिबंधित जीवों को लेकर वाराणसी की ओर आ रहे हैं। इस सूचना पर निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने वन विभाग और वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की टीम के साथ मिलकर कार्रवाई की।

    गिरफ्तार अभियुक्त वसीम उर्फ अरमान ने पूछताछ में बताया कि उसने नितेश दिवाकर की इनोवा गाड़ी 9,000 रुपये में किराए पर ली थी। उसने बताया कि मोर को कौशाम्बी निवासी पंकज से 500 रुपये में और तोते को 100 से 200 रुपये में खरीदा था। ये जीव आसनसोल, पश्चिम बंगाल ले जाए जा रहे थे, जहां छोटे व्यापारियों को तोता 400 से 500 रुपये और मोर 2500 से 3000 रुपये में बेचा जाता था।

    गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अग्रिम विधिक कार्रवाई वन विभाग द्वारा की जा रही है। यह गिरफ्तारी वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को भी उजागर करता है।