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    Three female skeleton In Mirzapur : मीरजापुर में हलिया के हर्रा जंगल में मिले तीन बालिकाओं के नर कंकाल

    Three skeleton In Mirzapur हलिया क्षेत्र स्थित हर्रा के जंगलों में एक महीने से लापता तीन बालिकाओं का नर कंकाल मिलने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंंप मच गया। सूचना मिलने पर परिजनों ने शव को देखकर पुलिस को सूचना दी है।

    By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Wed, 22 Sep 2021 02:08 PM (IST)
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    एक महीने से लापता तीन बालिकाओं का नर कंकाल मिलने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंंप मच गया।

    मीरजापुर, जागरण संवाददाता। हलिया क्षेत्र के हर्रा जंगल में तीन सगी बहनों का कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे स्वजन कपड़ों से तीनों बहनों की पहचान की। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया गया कि उनकी मां सीमा भी मायके से फरार हो गई है। बेटियों के मामा रमाकांत ने बताया कि सीमा महीने भर से उन्हें गुमराह करती रही। ऐसे में पुलिस को मां पर ही तीनों बेटियों की हत्या कराने की आशंका है।

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    हलिया थाना क्षेत्र के बेलाही गांव निवासी देवीदास कोल की पत्नी सीमा अपनी तीन बेटियों मुन्नी (10), ममता ( 8), गोलू (12) को साथ लेकर बीते 16 अगस्त को घर से निकली थी। पिता देवीदास ग्राम पंचायत की बैठक से जब घर लौटा तो सीमा व बेटियां नहीं दिखीं। वह घर पर ही पत्नी व बेटियों का इंतजार किया। दूसरे दिन सुबह तक जब वे नहीं लौटी तो देवीदास अपनी ससुराल क्षेत्र के ही सुखड़ा बेलगवां गांव पहुंचा। वहां साले रमाकांत से पत्नी के बारे में पूछा तो कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद वह अपने सगे-संबंधियों के यहां भी जानकारी की लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। 21 अगस्त को सीमा ने 9.30 बजे रात में अपने भाई रमाकांत को फोन करके बताया कि पति देवीदास से विवाद होने के कारण वह बेटियों को लेकर इंदौर चली आई है। इस पर भाई ने उसे वापस घर आने के लिए समझाया। सीमा 22 अगस्त की शाम को अकेले मायके लौट आई।

    बेटियों के बारे में भाई रमाकांत के पूछने पर उसने बताया कि इंदौर स्टेशन पर काम करने के लिए एक महिला को सौंप दिया है। इसके बाद भाई ने सूचना देकर बहनोई देवीदास को भी बुलाया और तीनों लोग बेटियों को लाने के लिए इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंचे। सीमा के कहने पर इंदौर, लक्ष्मीनगर और उज्जैन स्टेशनों पर वे बेटियों की खोजबीन करते रहे, लेकिन कहीं पता न चलने पर निराश होकर घर लौट आए। इसके बाद दो सितंबर तीनों हलिया थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने इंदौर का मामला बताकर वहां सूचना देने की बात कहकर लौटा दिया। चरवाहे से हर्रा जंगल में नर कंकाल सूचना मिलने पर देवीदास व रमाकांत मौके पर पहुंचे और कपड़ों से बेटियों की पहचान कर ली। सूचना पर पहुंची सीओ उमाशंकर सिंह, प्रभारी निरीक्षक राज कुमार सिंह मौके पर पहुंच जांच कर रहे हैं। रमाकांत ने बताया कि बहन सीमा मायके से फरार हो गई है। उसी पर तीनों बेटियों की हत्या करने की आशंका है।

    वहीं दूसरी ओर हर्रा जंगल में मिले नर कंकाल के जांच के लिए फील्ड यू़निट और फारेंसिक की टीम जांच करने के साथ साक्ष्‍य संकलन कर रही है। फारें‍सिक टीम तीनों शवों के कंकाल का परीक्षण करने के साथ ही हत्‍या के तौर तरीकों को लेकर भी साक्ष्‍य संकलित कर रही है। पुलिस के अनुसार माह भर से अधिक समय होने की वजह से शव पूरी तरह से कंकाल में बदल चुका है। कपड़ों से ही बच्‍चों की शिनाख्‍त हुई है। अब पूरी पड़ताल के बाद ही वजह स्‍पष्‍ट हो सकेगी।