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    वाराणसी में सौ करोड़ के कोडीनयुक्त सीरप के दुरुपयोग की एसआइटी करेगी जांच

    By RAKESH KUMAR SRIVASTAVAEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 01:29 PM (IST)

    वाराणसी में सौ करोड़ रुपये के कोडीनयुक्त सीरप के दुरुपयोग की जांच अब एसआईटी करेगी। दवा माफियाओं की संलिप्तता की आशंका के चलते यह निर्णय लिया गया है। एसआईटी का उद्देश्य मामले की तह तक जाना, दोषियों की पहचान करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।

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     पुलिस का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। रांची की मेसर्स शैली ट्रेडर्स द्वारा वाराणसी में 100 कराेड़ रुपये लागत की 84 लाख फेन्सीडील सीरप खपाने के मामले की जांच के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने तीन सदस्यीय एसआइटी गठित कर दी है। माना जा रहा है क‍ि अब आरोप‍ितों पर कार्रवाई की जमीन जल्‍द तैयार कर ली जाएगा। 

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    यह कमेटी अपर पुलिस उपायुक्त सरवणन टी की अध्यक्षता में गठित की गई है, जिसके सदस्य एसीपी शुभम कुमार सिंह व कोतवाल दयाशंकर सिंह है।कफ सीरप के गैर चिकित्सकीय प्रयोग किए जाने का आरोप है, इसलिए गहराई से जांच किए जाने के दृष्टिगत एसआइटी जांच को समय सीमा में नहीं बांधा गया है। हालांक‍ि आरोप‍ित प‍िता पुत्र के फरार होने के बाद से ही पुल‍िस तलाश रही है लेक‍िन दोनों का ही सुराग पुल‍िस के पास नहीं है।

    यह है पूरा मामला
    कायस्थ, टोला, प्रहलाद घाट वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल उसके पिता भोला प्रसाद रांची में मेसर्स शैली ट्रेडर्स चलाते हैं। पिता-पुत्र की संयुक्त फर्म ने ऐबट हेल्थकेयर से लगभग 89 लाख फेन्सीडील कफ सीरप खरीदा और उसमें से 84 लाख कफ सीरप वाराणसी में खपा दिया। औषधि विभाग की जांच में कफ सीरप के गैर चिकित्सकीय उपयोग की बात सामने आई तो जांच की गई, जिसमें वाराणसी के 26 फर्म पर काला कारोबार करने के छींटे पड़े।

    जिसके बाद औषधि विभाग के निरीक्षक जुनाब अली ने 26 फार्मों के कारोबारी और रांची की फर्म के आरोपित पिता-पुत्र के खिलाफ केस दर्ज कराया। आरोपित पुत्र शुभम जायसवाल को गाजियाबाद पुलिस भी कफ सीरप की तस्करी में आरोपित बनाया है। औषधि विभाग की जांच में 102 दवा की दुकानें रडार पर आ गईं हैं।