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    चांदी में लग गए सुर्खाब के पर, बनारस के सर्राफा बाजार में पसरा सन्नाटा, कीमतें साल भर में दोगुने से अध‍िक

    By Arun MishraEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 01:09 PM (IST)

    वाराणसी के सर्राफा बाजार में चांदी की बढ़ती कीमतों ने चिंता बढ़ा दी है। रेशमी पाजेब और पायल जैसे आभूषण बाजार से गायब हो रहे हैं। चांदी की कीमत 1.98 ला ...और पढ़ें

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    चांदी की कीमतों में इजाफा से सराफा कारोबार पर भी दबाव पड़ा है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। सोने के बाद अब चांदी की बढ़ती कीमतों ने भी बनारस के सर्राफा बाजार की चिंता बढ़ा दी है। कभी काशी की महिलाओं की पहचान रही रेशमी पाजेब, पायल और बिछिया की झंकार अब बाजारों से लगभग गायब हो गई है। गोदौलिया, चौक, विश्वेश्वरगंज और नदेसर जैसे प्रमुख सर्राफा इलाकों में ग्राहकों की आवाजाही कम होने से दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।

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    आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी माह में चांदी की कीमत करीब 80 से 90 हजार रुपये प्रति किलोग्राम थी। 15 दिन पहले यह बढ़कर 1.75 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई, जबकि शुक्रवार को दाम 1.95 लाख रुपये और शनिवार को 1.98 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक जा पहुंचे। बीते वर्ष इसी अवधि में चांदी की कीमत करीब 75.5 हजार रुपये प्रति किलोग्राम थी। इस बेतहाशा तेजी ने चांदी को आम उपभोक्ता की पहुंच से बाहर कर दिया है।

    सर्राफा व्यापारी गोकुल सराफ का कहना है कि महंगाई का सीधा असर मध्यम और निम्न आय वर्ग पर पड़ा है। पहले सोना दूर हुआ और अब चांदी भी उसी राह पर है। महिलाएं पाजेब, पायल और बिछिया जैसे पारंपरिक आभूषण खरीदने से कतराने लगी हैं। मजबूरी में कई ग्राहक आर्टिफिशियल ज्वेलरी, पीतल या अन्य धातुओं से बने गहनों की ओर रुख कर रहे हैं।

    गोदौलिया के सर्राफ अनिकेश गुप्ता और नदेसर के रवि वर्मा के अनुसार दामों में स्थिरता न होने से न तो ग्राहक खरीदारी का मन बना पा रहे हैं और न ही व्यापारी सही ढंग से कारोबार कर पा रहे हैं। दिन में दो से तीन बार कीमतें बदलने से बाजार की रफ्तार थम सी गई है। चांदी महंगी होने से कारीगरों का काम भी प्रभावित हुआ है।

    महिलाओं का कहना है कि अब भारी आभूषणों की जगह हल्के और डिजाइनदार गहनों को प्राथमिकता दी जा रही है। आरती चौहान ने बताया कि दाम बढ़ने से पसंद बदलनी पड़ रही है। वहीं श्वेता पाठक का कहना है कि महंगाई के कारण त्योहार और शादी-विवाह के लिए आभूषण खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। कुल मिलाकर, काशी के सर्राफा बाजार में चांदी की तेजी ने परंपरा, पसंद और कारोबार तीनों को प्रभावित कर दिया है।