नए कलेवर में लौटी श्रीकाशी-महाकाल एक्सप्रेस, हमसफर के बदले लगाया गया एलएचबी रैक
दो ज्योर्तिलिंग को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित ट्रेन श्रीकाशी- महाकाल एक्सप्रेस रविवार से बहाल हो गई। नए कलेवर में उतरी इस ट्रेन को कैंट स्टेशन स्थित प् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी। दो ज्योर्तिलिंग को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित ट्रेन श्रीकाशी- महाकाल एक्सप्रेस रविवार से बहाल हो गई। नए कलेवर में उतरी इस ट्रेन को कैंट स्टेशन स्थित प्लेटफार्म नंबर सात से रवाना किया गया। खास बात यह है कि इसका किराया पहले संचालित कॉरपोरेट ट्रेन से काफी कम है। यात्रियों को वाराणसी से इंदौर की यात्रा के लिए 2,270 रूपए के बजाय महज 1,473 रूपए ही चुकाना पड़ेगा। हालाकि प्रचार- प्रसार के अभाव में पहले दिन 20 फीसदी यात्री ही मिले।
हमसफर के बदले एलएचबी रैक
लंबे समय बाद लौटी श्रीकाशी - महाकाल एक्सप्रेस के रैक में भी परिवर्तन किया गया है। हमसफर के बदले ट्रेन में एलएचबी (लिंक होपमैन बुश) कोच लगाए गए हैं। जिसमें नौ थर्ड एसी, दो एसएलआर और एक पेंट्रीकार यान समेत कुल 12 कोच लगे हैं। शुरुआती दौर में आईआरसीटीसी ने श्रीकाशी - महाकाल एक्सप्रेस को हमसफर के रैक के साथ लांच किया था। जिसे कॉरपोरेट के नाम से भी जाना जाता था।
सप्ताह में दो दिन चलेगी
श्रीकाशी - महाकाल एक्सप्रेस के परिचालन के संदर्भ में उत्तर रेलवे प्रशासन रविवार की शाम नया शेड्यूल जारी किया है। जिसके अनुसार अब यह ट्रेन एक की बजाय दो दिन चलेगी। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि गाड़ी संख्या - 82401 वाराणसी - इंदौर 16 नवंबर से प्रत्येक मंगलवार को सुल्तानपुर के रास्ते चलेगी। वहीं, गाड़ी संख्या - 82403 वाराणसी - इंदौर 21 नवंबर से प्रत्येक रविवार को प्रयागराज के रास्ते गंतव्य तक प्रस्थान करेगी।
किराया और ट्रेन की जानकारी
- 1,473 रुपये है किराया
- 2,270 रुपये किराया पहले
- 20 फीसदी यात्री मिले पहले दिन
- एलएचबी कोचयुक्त ट्रेन
- नौ थर्ड एसी कोच
- दो एसएलआर
- एक पेंट्रीकार यान
- 12 कोच का रैक
आज से घटेगा रेल यात्रियों का अतिरिक्त बोझ
रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। कोविड और फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर वसूला जाने वाला 30 फीसदी अतिरिक्त किराया चुकाना नहीं पड़ेगा। सोमवार से सभी मेल व एक्सप्रेस गाड़ियों को नियमित नंबर से चलाने की तैयारी है। रेलवे बोर्ड के इस आदेश से कैंट स्टेशन से गुजरने और बनकर चलने वाली गाड़ियां भी प्रभावित होंगी। मिली जानकारी के अनुसार कैंट स्टेशन से 19 गाड़ियां बनकर चलाई जाती हैं, जबकि 63 गाड़ियां प्रतिदिन गुजरती हैं। इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के तहत संचालित 40 जोड़ी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का भी नंबर बदल जाएगा।

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