Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रीराम मंदिर : गांव-गांव पैदल चलकर पहुंचे थे अयोध्या, वाराणसी लौटा तो पुलिस ने किया गिरफ्तार

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jul 2020 12:42 PM (IST)

    राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की घोषणा के बाद से ही घूरेलाल सोनकर के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे हैं। उम्र अधिक होने के बाद भी मन युवाओं जैसा मचल रहा है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    श्रीराम मंदिर : गांव-गांव पैदल चलकर पहुंचे थे अयोध्या, वाराणसी लौटा तो पुलिस ने किया गिरफ्तार

    वाराणसी, जेएनएन। राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की घोषणा के बाद से ही घूरेलाल सोनकर के पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे हैं। उम्र अधिक होने के बाद भी मन युवाओं जैसा मचल रहा है। कई परिचित अफसरों से पूछ रहे हैं कि भाई, राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में कैसे शिरकत कर सकेंगे। हालांकि, हर कोई यह जानकारी दे रहा है कि समारोह में पहुंचना संभव नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घूरेलाल सोनकर उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि सर्द रात थी। हवा चल रही थी लेकिन हम लोगों के कदम नहीं रुक रहे थे। जौनपुर तक ट्रेन का सफर करने के बाद आगे जाने के लिए जब रोक दिया गया तो पैदल ही रामलला के लिए चल दिए। साथ में 50 लोग बनारस के थे लेकिन मंदिर पहुंचने तक 20 लोग ही रह गए। शेष लोगों को रोक दिया गया। बताया कि जब पुलिस की नाकेबंदी की जानकारी होती थी तो रास्ता बदल देते थे। हां, यह जरूर है कि जिस गांव से गुजरते थे वहां के ग्रामीण जय श्रीराम का उद्घोष कर स्वागत करते थे। खाने-पीने के लिए देकर खुद को धन्य समझते थे। जब कदम अयोध्या की धरती पर पड़े तो सबसे पहले विश्व ङ्क्षहदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल से मुलाकात की। सभी लोग उनके साथ रामलला की ओर बढऩे लगे। तभी एक ईंट आकर अशोक सिंघल के सिर पर लगा। खून निकलने लगा तो मैंने गमछे से बांधकर बहावको रोकने की कोशिश की लेकिन अशोक सिंघल कहां रुकने वाले। वे आगे बढ़ते गए। बताया कि उस वक्त काशी महानगर अध्यक्ष खुंटेलाल पटेल थे जबकि महामंत्री जवाहर लाल यादव थे। सभी को बस एक ही जुनून था कि राम मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दें। अब मंदिर बन जाएगा। भूमि पूजन होने वाला है उस दिन घर में ही राम नाम का कीर्तन करेंगे।