वाराणसी में सात सदस्यीय जापानी दल ने किया प्रवेश, दो कोरोना संदिग्ध, रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे सैलानी
शासन-प्रशासन के आदेश के बाद भी कोरोना को लेकर विभाग हाई अलर्ट मोड में नहीं हैं। यही वजह है कि गुरुवार को सात सदस्यीय जापानी दल बिना जांच कराए शहर में प्रवेश कर गया।
वाराणसी, जेएनएन। शासन-प्रशासन के आदेश के बाद भी कोरोना को लेकर विभाग हाई अलर्ट मोड में नहीं हैं। यही वजह है कि गुरुवार को सात सदस्यीय जापानी दल बिना जांच कराए शहर में प्रवेश कर गया। पूर्वा एक्सप्रेस से वाराणसी के कैंट स्टेशन पर उतरने से पहले रेलवे कंट्रोल रूम को यात्रियों ने सूचना दी। दर्ज कराया कि जापानी दल के सात सदस्यों में दो को सर्दी, खांसी, जुखाम व बुखार है लेकिन पं. दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर किसी ने सुधि नहीं ली।
दो विदेशी यात्रियों में यह लक्षण देख यात्रा कर रहे लोगों में दशहत फैल गई थी। रेलवे कंट्रोल रूप से सूचना अग्रसारित नहीं होने का दुष्परिणाम रहा कि कैंट स्टेशन पर हेल्थ यूनिट टीम ऐसे किसी वाकये से अनजान थी। यहां उतरने के बाद विदेशी पर्यटक शहर की तरह प्रस्थान कर गए। गया (बिहार) से नई दिल्ली जा रहे इरशाद आलम ने बताया कि सात सदस्यीय दल भी उनकी बोगी संख्या- बी चार में सफर कर रहे थे। उनमें बर्थ संख्या-45 और 53 में बैठे जापानी सैलानी खांसी और सर्दी जैसी शिकायत से परेशान थे जो खतरनाक कोरोना वायरस के लक्षण जैसे प्रतीत हो रहे थे। मन में भय और आशंका लिए यात्रियों ने इसकी सूचना रेलवे कंट्रोल रूम को दी। पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर स्वास्थ्य टीम पहुंची। आरोप है कि उन्होंने दोनों जापानी सैलानियों की सुधि लेने की बजाय दूर से ही देख कर छोड़ दिया। कैंट स्टेशन पर भी स्थानीय स्वास्थ्य टीम को इसकी भनक नहीं लगी। सैलानियों का दल प्लेटफार्म नंबर पांच पर उतरकर शहर की तरफ प्रस्थान कर गया। दूसरी ओर जीआरपी के जवान भी मौके पर पहुंच गए। सूचना मिलते ही अलर्ट हुए स्टेशन निदेशक आनंद मोहन सिंह ने रिजर्वेशन डेटा के आधार पर पड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि विदेशी सैलानियों के बाबत ब्यौरा खंगाला जा रहा है। रेलवे प्रशासन की ओर से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे को भी सूचित कर दिया गया है।