जागरण संस्कारशाला मंत्र : आत्मविश्वास से बढ़ता है मनोबल, सफलता का मार्ग होता है प्रशस्त Varanasi news
जागरण संस्कारशाला के तहत गुरुवार को रेनबो पब्लिक स्कूल (केंद्रीय जेल रोड-शिवपुर) में आयोजित आत्मविश्वास का सशक्तिकरण विषयक कार्यशाला।
वाराणसी, जेएनएन। आत्मविश्वास से भय, आशंका व संदेह से मानव मुक्त होता है और आत्मबल बढ़ता है। इससे जीवन में साहस, उत्साह, आशा के साथ ही उन्नति, प्रगति, सार्थकता को समृद्ध करने का मार्ग भी प्रशस्त होता है। ऐसे में सफलता का मूल मंत्र आत्मविश्वास होता है। 'जागरण संस्कारशाला' के तहत गुरुवार को रेनबो पब्लिक स्कूल (केंद्रीय जेल रोड-शिवपुर) में आयोजित 'आत्मविश्वास का सशक्तिकरण' विषयक कार्यशाला में छात्रों को यह बातें संस्था के निदेशक पवन कुमार ने बताई। कहा कि कुछ लोग जन्म से ही आत्मविश्वासी होते हैं। ऐसे लोग साहसी भी माने जाते हैं। उन्हें विश्वास होता है कि जो भी वह कार्य करेंगे, सफलता मिलनी तय है।
ऐसे लोग कोई भी जोखिम उठाने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। कई बार उन्हें सफलता नहीं मिलती लेकिन वह घबराते नहीं है। सतत् प्रयास करने उन्हें इसका सकारात्मक परिणाम भी मिलता है। कहा कि कुछ लोगों को आत्मविश्वास बाद में होता है। पहले वह कोई कार्य डरते हुए करते हैं। जैसे-जैसे उन्हें सफलता मिलती जाती है। उनका आत्मविश्वास बढ़ता जाता है। ऐसे लोगों को समय पर प्रेरित करने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए दूसरों का उदाहरण देकर उनके भीतर जोश व उमंग भरना पड़ता है। हाथ की पांचों उंगलियां एक जैसी नहीं होती है। कोई छोटी तो कोई बड़ी होती है। इसी प्रकार सभी बच्चे एक समान बुद्धि-विवेक के नहीं होते हैं। कुछ पढ़ने में कमजोर तो कुछ तेज होते हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि पढ़ने में कमजोर बच्चा जीवन में सफल नहीं होगा।
संभव है कि पढ़ने में कमजोर बच्चा तेज विद्यार्थी से आगे निकल जाए। इसकी जिम्मेदारी अभिभावकों व शिक्षकों की है। वह किस तरह से बच्चों की मनोस्थिति समझ कर उन्हें प्रेरित करते हैं। बच्चों का हमेशा डांटने की बजाय मनोबल बढ़ाना चाहिए। यह अध्यापकों व अभिभावकों का कर्तव्य भी है। विश्वास दिलाएं कि आप यह कार्य करने में सफल हैं। परीक्षा में अच्छे अंकों से पास होना तय है। इसके लिए बस आपको पूरे मनोयोग से पढ़ने की जरूरत है। विद्यार्थी वही सफल हैं जो अपने जीवन मे पढ़ाई के साथ आगे बढ़ने व किसी भी कार्य क्षेत्र में कुछ अलग कर गुजरने की काबिलियत रखता हो। खुशहाली के साथ सफलता की ऊंचाइयों को छूने के लिए उसके अंदर आत्मविश्वास का होना आवश्यक है।
''आत्मविश्वास हमारे अंदर की वह आत्मिक शक्ति है जिसके द्वारा हमें कठिन से कठिन कार्य को संपादित करने की प्रेरणा मिलती है। अत: अपने ऊपर विश्वास रखें और घबराएं नहीं, सफलता आपके कदम चूमेगी। -सुशीला कुमारी, निदेशिका
''मधुमक्खी मेहनत व लगन से बहुत दूर जाकर फलों के रस को अपने छत्ते में लोकर इकट्ठा करती है। उसके छत्ते में शहद का इकट्ठा होना उसके आत्मविश्वास व कठिन परिश्रम का ही परिणाम है। -पवन कुमार सिंह, निदेशक
''कोई भी काम शुरू करने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यदि उसे जोश व आत्मविश्वास के साथ शुरू करें तो सफलता की सीढ़ी आसान हो जाती है। ऐसे में आत्मविश्वास होना बेहद जरूरी है। -सोनम श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य
''आत्मविश्वास की कमी के कारण हम कभी-कभी पढ़ा हुआ भी भूल जाते हैं। परीक्षाओं में अक्सर ऐसा होता है। वहीं जब एक या दो सवाल का उत्तर लिख लेते हैं तो अपने आप भीतर छिपा आत्मविश्वास बढ़ जाता है। - इशाक
''विद्यालयों में जो पढ़ाया जाता है उसे घर पर अनिवार्य रूप से दोहराना चाहिए। इसके अलावा अगले दिन जो पढ़ाया जाएगा उसको भी समझने का प्रयास करना चाहिए। इससे क्लास में आत्मविश्वास बढ़ता है। -सुप्रिता
''नकारात्मक सोच ही असफलता का मुख्य कारण है। ऐसे में कोई भी कार्य शुरू करने से पहले हमें सकारात्मक सोच रखनी होगी। इसके बदौलत ही आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है। -अंतरा
''विद्यालय के प्रधानाचार्य व शिक्षक सदैव हम लोगों का मनोबल बढ़ते रहते हैं। गलती होने पर भी इस तरीके से समझाते हैं कि हमें अपनी गलती का एहसास भी हो जाता है और मन में नकारात्मकता का भाव भी नहीं आता। -अनुष्का
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।