Honeytrap के जरिए वाराणसी के साड़ी व्यापारी को किया किडनैप, हत्या करके चुनार पुल से गंगा में फेंका शव
पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज मोबाइल काल डिटेल के आधार पर पांडेयपुर निवासी बीमा एजेंट अंजली पांडेय उर्फ दिव्या सिंह उसके पति अनिरुद्ध पांडेय व चौक स्थित एक साड़ी की गद्दी पर काम करने वाले वारदात के मुख्य सूत्रधार कर्मचारी प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम को गिरफ्तार कर लिया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : 20 लाख रुपये की फिरौती के लिए भेलूपुर के अपहृत साड़ी व्यवसायी महमूद आलम की हत्या कर शव को मीरजापुर के चुनार पुल से गंगा में फेंक दिया गया था। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के लिए एक निजी बैंक की महिला बीमा एजेंट को (हनी ट्रैप) माध्यम बनाया गया था। अब तक पुलिस को व्यवसायी का शव नहीं मिला है। पुलिस शव की तलाश में लगी हुई है।
पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल काल डिटेल के आधार पर पांडेयपुर निवासी बीमा एजेंट अंजली पांडेय उर्फ दिव्या सिंह, उसके पति अनिरुद्ध पांडेय व चौक स्थित एक साड़ी की गद्दी पर काम करने वाले वारदात के मुख्य सूत्रधार कर्मचारी प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम को गिरफ्तार कर लिया।
भरौली कोपागंज, मऊ निवासी कर्मचारी ने ही पूरे घटनाक्रम की साजिश रची थी। इसके अलावा दो अन्य आरोपितों में फर्जी तरीके से सिम बेचने वाले दुकानदार व सिम खरीदने के लिए डेढ़ सौ रुपये में अपनी आइडी देने वाले दुकानदार के कर्मी को भी गिरफ्तार किया गया है।
आरोपितों के पास से एक लाख 73 हजार रुपये, एक्सयूवी कार, व्यवसायी की घड़ी, पासपोर्ट, आइसीआइसीआइ बैंक का एक क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड, ब्लैंक चेक और हत्या में उपयोग किया गया डेटा केबल व दुपट्टा बरामद किया गया।
बीमा कराने के नाम पर व्यवसायी को जाल में फंसाया गया था
14 जनवरी को भेलूपुर के गौरीगंज आहाता रोहिला निवासी साड़ी व्यवसायी 50 वर्षीय महमूद आलम अचानक लापता हो गए थे। उनके बेटे ने अपहरण की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
हनी ट्रैप का लिया सहारा
अपर पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने बताया कि वारदात का सूत्रधार प्रवीण पहले फ्राड कंपनी शाइन सिटी में काम करता था। कंपनी के भाग जाने के बाद चौक में साड़ी का काम करने लगा। उसी दौरान साड़ी व्यवसायी से प्रवीण की मुलाकात हुई। इस बीच पैसे की किल्लत होने पर प्रवीण ने व्यवसायी को पैसा वाला समझकर फिरौती के लिए उसके अपहरण की साजिश रची।
इसमें उसने अपने साथी अनिरुद्ध पांडेय को साथ मिलाया। अनिरुद्ध भी काम न मिलने के कारण आटो चलाता था। उसकी पत्नी अंजली आइसीआइसीआइ बैंक में बीमा एजेंट थी। सभी ने रसिक स्वभाव का होने के कारण व्यवसायी को हनी ट्रैप के जरिए जाल में फंसाया।
अपहरण होने के बाद किया बेटे को फोन
फूलपुर बाइपास पर गाड़ी रोक कर आरोपितों ने व्यवसायी से 20 लाख रुपये की मांग की। उनके द्वारा इतने रुपये न होने की बात कही तो इन लोगों के कहने पर घर से आठ लाख रुपये मंगाने के लिए बेटे को शाम छह बजकर 17 मिनट पर फोन करवाया। फोन पर व्यवसायी ने बेटे से मुश्किल में होने व आठ लाख रुपये की व्यवस्था करने की बात कही।
बेटे द्वारा संदेह होने पर और जानकारी मांगी तो आरोपितों ने फोन स्वीच आफ कर दिया। इसके बाद व्यवसायी का पिन पूछकर बाबतपुर के पास एटीएम से 90 हजार रुपये आरोपितों ने निकाले। इसके बाद जौनपुर हाईवे पर जलालपुर, केराकत होते हुए चंदवक आकर गोमती नदी में मोबाइल फेंक दिया।
गाजीपुर रोड से वापस लौटते हुए रिंग रोड से मोहनसराय, अखरी होते चुनार में व्यवसायी की दुपट्टा व मोबाइल डेटा केबल से गला कसकर हत्या कर दी व शव को पुल से गंगा में फेंक दिया। हत्या करने से पहले आरोपितों ने व्यवसायी को कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पीला दी थी।
इसके बाद रामनगर पहुंचकर फिर एटीएम से व्यवसायी के खाते से 90 हजार व अंजली व उसके पति को घर छोड़कर मऊ जाते समय प्रवीण ने चिरईगांव में एटीएम से 10 हजार रुपये और निकाले तथा रास्ते में एटीएम कार्ड तोड़कर फेंक दिया।
पुलिस को सूचना मिलने से पूर्व ही हत्या व्यवसायी ने 14 जनवरी की शाम छह बजकर 17 मिनट पर अपने बेटे से फोन पर बात की थी। इसके बाद रात दस बजे बेटे ने पिता के गायब होने की जानकारी पुलिस को दी थी जबकि रात आठ बजे व्यवसायी की हत्या की जा चुकी थी।
अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि सिम कार्ड बेचने का जिक्र दुकानदार ने अपने रजिस्टर में दर्ज नहीं किया था। इसके अलावा अपने ही कर्मी राहुल अग्रहरि की आइडी पर सिम को बेचा था। दोनों के खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा रही है। दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं।
व्यवसायी को बीएचयू में मिलने बुलाया था
व्यवसायी ने किसी काम से बीएचयू में होने की बात बताई तो इन लोगों ने उनको विश्वविद्यालय परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंचने को कहा। मंदिर के पास प्रवीण, अनिरुद्ध व अंजली पहुंचकर व्यवसायी का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर में व्यवसायी अपनी स्कूटी से पहुंचे। उन्होंने स्कूटी मंदिर के पास खड़ी करा कर व्यवसायी को कार में बैठा लिया। इसके बाद गाड़ी जौनपुर रोड पर फूलपुर बाइपास पहुंची तो उसे सुनसान स्थान पर रोक दी। तब तक अंधेरा हो चुका था।
दालमंडी से नया मोबाइल खरीदा, रोडवेज से सिम
आरोपितों ने जब यह समझ लिया कि व्यवसायी अब पूरी तरह महिला बीमा एजेंट में चंगुल में फंस चुका है तो 13 जनवरी को बीमा एजेंट अंजली ने दालमंडी से नया मोबाइल खरीदा। इसके बाद 14 जनवरी को प्रवीण अपनी एक्सयूवी 65सीबी7799 से अंजली व अनिरुद्ध को साथ लेकर रोडवेज पहुंचा। वहीं से एक दुकान से नया सिम खरीदा। इसके बाद अंजली से फोन कराकर साड़ी व्यवसायी को बुलवाया।
कड़ियां जुड़ीं, शिकंजे में फंसे पुलिस ने बीएचयू के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो व्यवसायी व महिला की पहचान हुई। पुलिस ने अंजली को हिरासत में लिया। व्यवसायी के काल डिटेल में महिला का नंबर मिला था। इसके कड़ियां जुड़ती गईं और सभी आरोपित शिकंजे में फंसते गए।
व्यवसायी से परिचय होने के बाद आरोपित अंजली उनकी रेकी करने लगी। तीन माह तक रैकी कर उसने व्यवसायी के बारे में जानकारी जुटाई। इस दौरान महिला बीमा एजेंट का व्यवसायी के घर आने जाने का क्रम भी शुरू हो गया। बीमा के नाम पर जब नजदीकी बढ़ी तो व्यवसायी ने उस पर पैसा खर्च करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे फोन काल, वाट्स एप पर चैटिंग भी शुरू हो गई। पुलिस के मुताबिक घटना से एक दिन पहले व्यवसायी ने बीमा एजेंट का तीन सूट भी दिलवाया।

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