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    Sakteshgarh Ashram : गाेली कांड के बाद स्वामी अड़गड़ानंद ने भक्‍तों को दर्शन देकर किया प्रवचन

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Fri, 29 Jul 2022 05:47 PM (IST)

    परमहंस आश्रम में शुक्रवार की सुबह भक्तों की भीड़ को सत्संग हाल में दर्शन देने के साथ ही कथा प्रवचन से निहाल कर स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने यह साबित कर दिया संत किसी भी परिस्थिति का सामना सरलता से कर लेते हैं।

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    मीरजापुर : सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में प्रवचन करते स्वामी अडग़ड़ानंद महाराज।

    जागरण संवाददाता, मीरजापुर : परमहंस आश्रम में शुक्रवार की सुबह भक्तों की भीड़ को सत्संग हाल में दर्शन देने के साथ ही कथा प्रवचन से निहाल कर स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने यह साबित कर दिया संत किसी भी परिस्थिति का सामना सरलता से कर लेते हैं। आश्रम परिसर में सत्संग हाल में सुबह से ही भक्त अपने गुरु महाराज का दर्शन करने के लिए आए और महाराजश्री ने सबको दर्शन देने के साथ ही प्रवचन कर निहाल किया।

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    गुरुवार को गोली चलने में एक की मौत और आशीष बाबा के घायल होने की बड़ी घटना के बाद भी आश्रम की चहल-पहल और भक्तों का आवागमन देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे आश्रम में कुछ हुआ ही न हो। प्रभारी निरीक्षक त्रिवेणी लाल सेन ने बताया कि आश्रम परिसर में सब कुछ सामान्य है। एहतियात के तौर पर आश्रम में महिला व पुरुष पुलिस बल की तैनाती की गई है।

    शुक्रवार की सुबह आश्रम परिसर में पहले जैसा ही सब कुछ सामान्य रहा। करीब पौने आठ बजे महाराजश्री सत्संग हाल में आए और उन्होंने करीब एक घंटे के प्रवचन में बताया कि इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता। नेपोलियन बोना पार्ट का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि नेपाेलियन ने भी विश्व विजेता होने की इच्छा पाल रखी थी, लेकिन उसका अंजाम सभी को पता है। इसके बाद अनुयायियों ने उनसे आशीर्वाद भी लिया। पूरा दिन भक्तों का आना-जाना आश्रम में लगा रहा और पहले की तरह ही चहल-पहल बनी रही। सुबह करीब सवा नौ बजे भक्तों को दर्शन देने के बाद स्वामी अड़गड़ानंद अपने विश्राम कक्ष में चले गए।

    देश के कोने-कोने से आश्रम आते हैं स्वामी अड़गड़ानंद के अनुयायी

    सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में गुरुवार को हुई घटना के बाद हर किसी की जुबां पर उसी वाकये की चर्चा है। इस आश्रम से देश-विदेश के लाखों अनुयायी जुड़े हुए हैं। माना जाता है कि स्वामी अड़गड़ानंद अपने गुरु जी “संत परमानंद जी” के पास वर्ष 1955 के नवम्बर महीने में सत्य की खोज में आए थे, उस समय 23 वर्ष इनकी आयु थी। सक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम महाराज का प्रमुख आश्रम है।

    वहीं देशभर में 64 स्थानों पर उनके आश्रम हैं। इसके अलावा अमेरिका में दो और नेपाल में भी आश्रम है। देश की बात करें तो उत्तराखंड के चकोरी, मध्य प्रदेश के बरचर, दिल्ली के फरीदाबाद, मुंबई के पालघर, पिथौरागढ़, देहरादून के आश्रम प्रमुख हैं। मीरजापुर में सक्तेशगढ़ के अलावा कछवां के बरैनी में जगतानंद आश्रम हैं। प्रसिद्ध और धार्मिक व्यक्तित्व स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने “यथार्थ गीता” को साधारण शब्दों में व्याख्यान किया है, जिसका प्रसार बहुत समय पहले भगवान श्री कृष्ण ने किया था।

    सक्तेशगढ़ आश्रम में गुरु पूर्णिमा के अलावा हिंदू त्योहारों जैसे-होली, दीवाली, देव दीपावली, एकादशी, शिवरात्रि, बसंत पंचमी समेत राष्ट्रीय पर्वों पर भी बड़ी संख्या में अनुयायी आते हैं। सक्तेशगढ़ के अलावा हरियाणा के फरीदाबाद आश्रम में भी सत्संग प्रवचन व भक्तों को दर्शन के लिए महाराज जाते हैं। गुरु महाराज के यहां होने की जानकारी मिलने पर रोजाना भक्तों की भीड़ होती है। इन भक्तों को प्रतिदिन सुबह और शाम को करीब एक घंटे तक महाराजश्री दर्शन देकर प्रवचन करते हैं।

    देश के सांसद व विधायक समेत नौकरशाह व अन्य विशिष्ट लोग महाराजश्री का आशीर्वाद लेने आते रहे

    आश्रम में रहने वाले ढाई सौ से अधिक संत महात्माओं व यहां आने वाले श्रद्धालुओं के भोजन भंडारा से लेकर हर प्रकार की व्यवस्था वरिष्ठ संत नारद महाराज की देखरेख में की जाती है। आश्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, विहिप के अशोक सिंघल, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पीएम मोदी के भाई समेत बड़ी संख्या में देश के सांसद व विधायक समेत नौकरशाह व अन्य विशिष्ट लोग महाराजश्री का आशीर्वाद लेने आते रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दो बार आश्रम आकर स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। इस बार की गुरू पूर्णिमा पर सासंद बृजभूषण शरण सिंह हेलीकाप्टर से आश्रम आए थे।