रोहितास मर्डर मामले में डाक्टरों से वसूली में ‘कुख्यात’ रहे बदमाश पर गहराई शक की सुई
चंदौली में दवा कारोबारी रोहितास पाल की हत्या की जांच वाराणसी तक पहुंच गई है। पुलिस को शक है कि हत्या के पीछे करोड़ों की जमीन का विवाद है और इसमें एक कुख्यात बदमाश शामिल है। एसटीएफ भी सक्रिय है और कुछ सफेदपोशों की भूमिका भी संदिग्ध है। पुलिस मोबाइल सर्विलांस के जरिए मामले की जांच कर रही है।

रोहितास पाल की हत्या मामले में चंदौली पुलिस के दो थानेदार और क्राइम ब्रांच की टीम ने वाराणसी में डेरा डाल दिया है
जागरण संवाददाता, वाराणसी। चंदौली के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के प्रतिष्ठित दवा कारोबारी व केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला महामंत्री रोहितास पाल की हत्या मामले में चंदौली पुलिस के दो थानेदार और क्राइम ब्रांच की टीम ने वाराणसी में डेरा डाल दिया है।
बीते मंगलवार को हुई हत्या के बाद तफ्तीश में जुटी पुलिस इस नतीजे तक पहुंच गई है कि वारदात के पीछे करोड़ों की भूमि है। जांच में वाराणसी में डाक्टरों से रंगदारी वसूलने में कुख्यात रहे बदमाश की मदद की बात सामने आई है। शक है कि उसी ने बदमाश रोहितास की हत्या के लिए शूटर उपलब्ध कराए होंगे।
शुक्रवार को एसटीएफ भी सनसनीखेज मर्डर में चंदौली से वाराणसी तक सक्रिय नजर आई, जिसके बाद शूटरों पर शिकंजा कसना तय है। हाईप्रोफाइल मर्डर में कई सफेदपोश भी शामिल होने की आशंका है।
रोहितास पाल की हत्या मंगलवार को उस समय गोली मारकर कर दी गई, जब वह दुकान बंद कर अपने घर कैलाशपुरी लौटने के लिए स्कूटी स्टार्ट कर रहे थे। सीसीटीवी कैमरे कैद बदमाश का इरादा देखने से सिर्फ और सिर्फ रोहितास की जान लेना प्रतीत हआ। इसलिए गोली करीब से सटाकर मारी।
पुलिस को मौके से 32 बोर का खोखा मिला है, जो शूटरों के हाईप्रोफाइल होने का संकेत है। पुलिस की जांच में यह भी बात सामने आई है कि विवादित भूमि का कुछ लोग पंचायत भी करा रहे थे। पुलिस बड़ी संख्या में मोबाइल को सर्विलांस पर लेकर एक-एक गतिविधि पर नजर रख रही है।
वाराणसी परिक्षेत्र के डीआइजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भूमि हमारी जांच का एक बिंदु है। पुलिस उसके इतर भी एंगल पर काम कर रही है। इसलिए ठोस क्लू मिलने तक कुछ भी कहना ठीक नहीं है। शूटर का इरादा सिर्फ हत्या करना था, यह स्पष्ट है।

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