बीएचयू अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल, रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल की चेतावनी
बीएचयू अस्पताल, वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने चिंता जताई है। डॉक्टरों ने सुरक्षा में कमी के कारण हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अस्पताल में मरीजों और डॉक्टरों दोनों की सुरक्षा खतरे में है। डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

सोसाइटी के अध्यक्ष डा. गौरव ने बताया कि रेजिडेंट डाक्टरों, विशेषकर महिला डाक्टरों में भय और मानसिक तनाव का माहौल है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान और सर सुंदरलाल अस्पताल में लगातार बढ़ती हिंसक घटनाओं और लचर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेजिडेंट डाक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है। अस्पताल प्रशासन को अंतिम चेतावनी जारी कर दी है।
रेजिडेंट डाक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी ने कुलपति को पत्र लिखा है। कहा है कि यदि उनकी सुरक्षा मांगों को तत्काल पूरा नहीं किया गया, तो वे सभी इमरजेंसी समेत सभी मेडिकल सेवाओं का बहिष्कार करने को बाध्य होंगे। सोसाइटी के पदाधिकारियों ने पत्र में कहा है कि बार-बार शिकायतों, ज्ञापनों और आश्वासनों के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था पर ठोस सुधार नहीं हो सका।
हाल ही में गैस्ट्रोएंट्रोलाजी ओपीडी और सर सुंदरलाल अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जूनियर रेजिडेंटों के अभद्रता और हिंसा की घटनाएं सामने आईं। आरोप है कि इन घटनाओं का मुख्य कारण कमजोर सुरक्षा प्रबंधन और बायोमेट्रिक एंट्री सिस्टम की अनुपस्थिति है। सोसाइटी के अध्यक्ष डा. गौरव ने बताया कि रेजिडेंट डाक्टरों, विशेषकर महिला डाक्टरों में भय और मानसिक तनाव का माहौल है।
अब इस असुरक्षा और उदासीनता को और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछले साल आरजीकर मेडिकल कालेज में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद देशभर में आंदोलन हुआ था, जिसमें आइएमएस बीएचयू के डाक्टरों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और तब उनसे कई वादे किए गए थे। डाक्टरों का कहना है कि प्रशासन की यह उदासीनता और लापरवाही अब बर्दाश्त के बाहर है। यदि जल्द ही मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और किसी भी डाक्टर के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई तो कार्य बहिष्कार होगा।
सुरक्षाकर्मियों पर उठे सवाल। सुरक्षा गार्डों की संख्या बेहद कम है और ड्यूटी पर तैनात अधिकतर गार्ड बूढ़े और निष्प्रभावी l गार्डों से 12 घंटे या उससे अधिक ड्यूटी कराई जाती है, जिसका भुगतान भी नहीं मिलता l गार्डों में सतर्कता और दक्षता की कमी है, जिससे डाक्टरों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है।
सोसाइटी की प्रशासन से यह मांग l सुरक्षा गार्डों की ड्यूटी आठ घंटे तय की जाए l प्रशिक्षित सुरक्षा गार्डों की संख्या में तत्काल वृद्धि हो l हैंगिंग पास सिस्टम (मरीज और स्वजनों को चिह्नित करने के लिए) लागू किया जाए l 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी और बायोमैट्रिक एक्सेस कंट्रोल तत्काल स्थापित किए जाएं। आइएमएस व सर सुंदरलाल अस्पताल में हुई घटनाओं को लेकर लचर व्यवस्था का आरोप l प्रशासन को अल्टीमेटम, रेजिडेंट डाक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी ने कुलपति को लिखा पत्र l मांगों को शीघ्र पूरा नहीं करने पर इमरजेंसी समेत मेडिकल सेवाओं का बहिष्कार करेंगे

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