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    White Owl : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के स्वर्ण शिखर पर लगातार तीसरी बार दिखा सफेद उल्लू, लोग मान रहे मनोकामना पूर्ति का प्रतीक

    White Owl on Spire Of ShriKashi Vishwanath Mandir वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के स्वर्ण शिखर पर एक सफेद उल्लू लगातार तीन दिन दिखा जिसे शुभ माना जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट के सीईओ ने इसे साझा किया। भक्त इसे लक्ष्मी माता के आशीर्वाद और शुभ संकेत के रूप में देख रहे हैं जिससे उनकी आस्था और मजबूत हो रही है।

    By pramod kumar Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Fri, 22 Aug 2025 05:55 PM (IST)
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    गर्भगृह के स्वर्ण शिखर पर लगातार तीन दिन एक सफेद रंग का उल्लू देखा गया

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। भारतीय वैदिक परंपराओं में पक्षी उल्लू को देवी मां लक्ष्मी के वाहन के रूप में है। यदि उल्लू का रंग सफेद हो, तो उसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

    इसी प्रकार का शुभ संयोग हाल ही में श्री काशी विश्वनाथ धाम में देखने को मिला है। यहां बाबा के गर्भगृह के स्वर्ण शिखर पर लगातार तीन दिन एक सफेद रंग का उल्लू देखा गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों ने इसको लगातार तीन दिन तक देखा है। सोमवार रात से शुरु हुआ यह सिलसिला बुधवार रात तक जारी रहा।

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    काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह के स्वर्ण शिखर पर एक सफेद रंग का उल्लू लगातार तीसरे दिन दिखाई दिया। काशी विश्वनाथ मंदिर के स्वर्ण शिखर पर तीन दिनों तक सफेद उल्लू का बैठना शुभ संकेत माना जा रहा है। काशी के विद्वानों के अनुसार बाबा विश्वनाथ का दूसरा नाम लक्ष्मीविलास मोक्षेश्वर महादेव है।

    शयन आरती में शामिल होते दिखा

    सफेद उल्लू बैठ कर लगभग दस बजे शयन आरती में शामिल होते दिखा। जिसे भक्त महादेव का नेमि भक्त बता रहे हैं। सफेद उल्लू के दर्शन को लोग सौभाग्य और कानूनी जंग में विजय का संकेत मान रहे हैं। बुधवार को यह सप्त ऋषि आरती के दौरान भी देखा गया। मंदिर प्रशासन और विद्वान इसे शुभ संकेत मान रहे हैं।

    सीईओ ने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से साझा की जानकारी

    इस घटना की जानकारी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विश्व भूषण मिश्र ने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से साझा की। उन्होंने लिखा है कि "जैसा अभी व्हाट्सएप पर प्राप्त हुआ, शयन आरती के बाद बाबा के शिखर पर श्वेत उल्लू दिखाए दिए हैं, जो शुभ का प्रतीक माना जाता है। श्री काशी विश्वनाथो विजयतेतराम।"

    उन्होंने लिखा कि बीते 17 अगस्त की शयन आरती और 18 अगस्त की सायंकालीन श्रृंगार आरती के बाद आज श्वेत उलूक महराज ने सप्तऋषि आरती में प्रतिभाग कर शिखर कोड़र में अपना निर्धारित स्थान ग्रहण कर यहां मौजूद भक्तों में उत्सुकता को और भी ज्यादा बढ़ा दिया।

    भक्तों ने शुभ संकेत के रूप में लिया

    उल्लू की इस उपस्थिति को भक्तों ने शुभ संकेत के रूप में लिया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उल्लू का सफेद रंग लक्ष्मी माता के आशीर्वाद का प्रतीक है। इस प्रकार की घटनाएं भक्तों में आस्था और विश्वास को और भी मजबूत करती हैं। वाराणसी के इस पवित्र स्थल पर इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं और उनके मन में सकारात्मकता का संचार करती हैं।