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    Yes Bank के वित्तीय संकट में फंसा वाराणसी का रमना एसटीपी, पहले ही दो बार बढ़ चुका निर्माण का समय

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Thu, 19 Mar 2020 07:10 AM (IST)

    रमना में बनने वाला एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) यस बैंक और प्राइवेट पार्टनर एस्सेल इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड की वित्तीय संकट में फंस गया है। ...और पढ़ें

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    Yes Bank के वित्तीय संकट में फंसा वाराणसी का रमना एसटीपी, पहले ही दो बार बढ़ चुका निर्माण का समय

    वाराणसी, जेएनएन। रमना में बनने वाला एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) Yes Bank और प्राइवेट पार्टनर एस्सेल इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड की वित्तीय संकट में फंस गया है। यही कारण है कि पिछले पांच माह से काम कच्छप गति से चलने के कारण इसकी मियाद दो बार बढ़ाई जा चुकी है। जनवरी में पूरा होने वाले प्लांट की मियाद पहले मार्च फिर मई तक बढ़ा दी गई है। इसकी गति को देखते हुए मई में पूरा होने के इसके आसार कम ही दिख रहे हैं। हालांकि शासन स्तर पर इसके जल्द पूरा करने का भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

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    पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप) के तहत बनने वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की क्षमता 50 एमएलडी है। शुरू में इस परियोजना की लागत 151 करोड़ थी लेकिन अब जीएसटी और वस्तुओं की महंगाई दर को देखते हुए इसमें दस करोड़ रुपये की और वृद्धि हुई है। इसमें साठ फीसद प्राइवेट कंपनी और 40 फीसद सरकार को देनी है। प्राइवेट भागीदारी की धनराशी कम मिलने के कारण पिछले पांच माह से काम काफी धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में अब यस बैंक की वित्तीय संकट काम को और लंबा खिंच सकता है। इसे लेकर जल निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के आला अफसर लगातार नजर रख रहे हैं और सरकार को इसकी रिपोर्ट भी भेज रहे हैं। जिससे सरकार को वस्तु स्थिति की जानकारी रहे। उधर, इस परियोजना में सरकार अब तक 37 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। नमामि गंगे के तहत बन रहे इस परियोजना के निर्माण कार्य के प्रभारी और अधिशासी अभियंता एसके रंजन ने बताया कि धन की कमी के कारण काम में दिक्कत आ रही है। जिससे लगातार समय बढ़ाना पड़ा है।