पूर्वांचल में बादलों ने डाला डेरा, ठंड का होगा असर, जान लें बारिश की क्या है संभावना
पूर्वांचल में बादल छाए रहने से ठंड बढ़ने की संभावना है, लेकिन बारिश की उम्मीद कम है। मौसम विभाग ने किसानों को फसलों को ठंड से बचाने की सलाह दी है। तापमान में गिरावट आने से लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

मौसम विभाग ने आगले सप्ताह तक लगातार तापमान में कमी के संकेत जारी किए हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में गुरुवार की सुबह आसमान पर बादलों का कब्जा सुबह से ही नजर आया। वातावरण में आर्द्रता में भी कुछ इजाफा हुआ और उमस का स्तर बढ़ने पर लोग गुलाबी ठंड के बीच चुनौतियों से भी दो चार हुए। अचानक से बीस डिग्री से नीचे जा पहुंचा तापमान दोबारा चढ़ा और करीब पांच डिग्री सामान्य से अधिक तक जा पहुंचा। इसकी वजह से वातावरण में उमस में भी इजाफा हुआ।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान जो बीस डिग्री से अधिक कम हो चुका था वह अब अचानक ही चढ़ गया और पारा न्यूनतम 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.8 डिग्री अधिक रहा। वहीं आर्द्रता न्यूनतम 73 फीसद और अधिकतम 81 फीसद दर्ज की गई। मौसम का यह रुख पूर्वांचल के लिए चौंकाने वाला था। हालांकि मौसम विशेषज्ञ बारिश की संभावना नहीं जता रहे हैं।
वहीं मौसम विभाग ने आगले सप्ताह तक लगातार तापमान में कमी के संकेत जारी किए हैं। तापमान में कमी की वजह से माना जा रहा है कि अगले सप्ताह से वातावरण में ठंडक का असर दोबार शुरू होगा और अंचलों में कोहरे का दौर शुरू होने के बाद वातावरण में नमी में कमी शुरू होने के साथ ही पछुआ हवाओं का रुख भी शुरू होगा। हालांकि गलन का असर माह भर के बाद ही असरकारक होगा। वहीं पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद मैदानी इलाकों में भी ठंड का असर शुरू हो चुका है।
आने वाले दिनों में मौसम का रुख पहाड़ों पर बदला तो इसका असर मैदानी इलाकों में होगा और मैदानी इलाकों में कोहरे के साथ ही ठंड का असर भी होगा। मौसम विभाग ने हालांकि मौसम का रुख अब धीरे धीरे बदलने का संकेत दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले माह में ठंड का व्यापक असर शुरू हो जाएगा। इसी के साथ समूचा पूर्वांचल कोहरे की चादर में ढंक जाएगा।
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