Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्वांचल में टीबी मरीजों के खाते में नहीं भेजा 17.89 करोड़, लक्ष्‍य भला कैसे हो सकेगा पूरा

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 12:42 PM (IST)

    पूर्वांचल में टीबी रोगियों को दी जाने वाली आर्थिक मदद में बड़ी लापरवाही सामने आई है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 17.89 करोड़ रुपये मरीजों ...और पढ़ें

    Hero Image

     स्वास्थ्य विभाग ने जांच का आश्वासन दिया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल के तीनों मंडलों (आजमगढ़, मरीजापुर और वाराणसी) के दस जिलों में निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को मिलने वाली मासिक एक हजार रुपये की सहायता पिछले पांच महीनों से बंद पड़ी है।

    जुलाई 2025 से पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) की जगह शुरू किए गए एसएनए-स्पर्श पोर्टल में अपडेशन के चलते करीब 37 हजार मरीजों के खातों में एक भी किस्त नहीं पहुंच सकी है। सिर्फ वाराणसी जिले में ही 5,883 मरीजों के 2.94 करोड़ रुपये अटके हैं, जबकि पूरे क्षेत्र 
में कुल बकाया राशि 17.89 
करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी 
है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक हजार रुपये प्रति माह मिलने से पौष्टिक आहार का एकमात्र सहारा होता है। लंबे 
समय तक इलाज चलने के कारण कई मरीज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। एसएनए-स्पर्श पोर्टल में अपडेशन के चलते पांच माह से सहायता बंद करीब 37 हजार मरीज परेशान l निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को मासिक दिए जाते हैं एक हजार रुपये l पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम को बदलकर लाया गया था नया पोर्टल।

    सबसे खराब स्थिति वाराणसी की सबसे खराब स्थिति वाराणसी की है। यहां 5,883 मरीजों का दो करोड़ 94 लाख 15 हजार रुपये बकाया है। इसके बाद बलिया जिले में 4,359 मरीजों के 2.17 करोड़, आजमगढ़ में 4,200 मरीजों के 2.10 करोड़, जौनपुर में 4,155 मरीजों के 2.07 करोड़ और चंदौली में 4,073 मरीजों के 2.03 करोड़ रुपये अटके हैं।

     

    पूर्वांचल के जिलों की स्थिति

    जिला टीबी मरीज रुपये

    वाराणसी 5,883 2,94,15000

    बलिया 4,359 2,17,95,000

    आजमगढ़ 4,200 2,10,00,000

    जौनपुर 4,155 2,07,75,000

    चंदौली 4,073 2,03,65,000

    सोनभद्र 3,925 1.96.25000

    मीरजापुर 1819 18,19,000

    भदोही 1,833 91,65,000

    मऊ 3,537 1,76,85,000

    गाजीपुर 3191 31,91,000

     

    दस जिलों के मरीजों की कहानी, उन्हीं की जुबानी

    बीमारी में टीबी का लक्षण सामने आने के साथ ही अस्पताल से सरकारी दवाओं का डोज शुरु हो गया। दवाओं के लिए पिछले छह महीने में आठ- दस बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़े, लेकिन भत्ता के नाम पर एक भी पैसा नहीं मिला। अब तो बीमारी भी ठीक हो चुकी है, लेकिन सरकारी मदद नहीं मिली। -जनार्दन, शिवपुर दीयर।

    चार माह पूर्व जांच में क्षय रोग की पुष्टि हुई थी। विभाग में पंजीकरण कराने के बाद नियमित दवा तो मिल रही है लेकिन पौष्टिक आहार के लिए पैसा नहीं मिल रहा है। पूछने पर जिला क्षय रोग चिकित्सालय में संपर्क करने पर बताया गया कि अभी पोर्टल काम नहीं कर रहा है। सुधार होने के बाद पूरी धनराशि जोड़कर खाते में भेज दी जाएगी। कैलाश कुमार, जौनपुर।

    मुझे अगस्त से पोषण की राशि नहीं मिली है। दवा अस्पताल और डाट्स सेंटर से मिल जाती है। विभाग की तरह से पोर्टल काम करने पर एक मुश्त राशि मिलने की बात कही गई है। - अजय, मऊ।

    आशा के माध्यम से उन्हें दवा मिलती है, लेकिन चार माह से धनराशि नहीं मिल रही है। - लाला, मीरजापुर।

    उपचार शुरू हुए तीन माह बीत गए, लेकिन अभी तक पहली किस्त नहीं मिली। इससे परेशानी हो रही है। - चेतना कुशवाहा, गाजीपुर।

    दो माह से मेरे पोते को बोन टीबी हुआ है। दवा तो जिला अस्पताल के टीबी क्लीनिक से मिल रही है लेकिन अभी तक पोषण भत्ता नहीं मिला है। पूछने पर स्वास्थ्यकर्मी बताते हैं अभी आया नहीं है। -राजेद्र सैनी, आजमगढ़।

    अब डाट्स सेंटर से दवा नहीं मिलती है। आशा के माध्यम से उन्हें दवा मिलती है। आशा बता रही हैं कि इसी माह के दूसरे पखवारे में पोषण राशि मिल जाएगी। - जयदीप, भदोही।

    तीन महीना से टीबी की दवा खा रहे हैं। अभी तक पोषण भत्ता नहीं मिला है। चार दिन दवा खाने के बाद जाकर पता करेंगे की पैसा क्यों नहीं आया। विकास कुमार, सोनभद्र। 

    मुझे अगस्त से पोषण की राशि नहीं मिली है। डाट्स सेंटर से अब दवा भी नहीं मिलती है। अस्पताल में जाकर लेनी पड़ रही है। जुलाई में हुई जांच में मेरी रिपोर्ट पाजीटिव आई थी। छह हजार पोषण राशि मिलने की जानकारी आशा ने दी है। - मुनिया, चंदौली।

    छह माह से दवा खा रहे हैं लेकिन खांसी बंद नहीं हो रही है। टोकरी में कास्मेटिक एंड बूटिक का सामान बेचकर जीविकोपार्जन करती हूं। आर्थिक सहयोग अभी तक नहीं मिलती। कुछ सहयोग मिलता तो राहत मिल जाती। -खुशबू, वाराणसी। 

    सेंट्रल टीबी डिवीजन का मामला है। एसएनए स्पर्श पोर्टल को वहीं से अपडेशन का काम किया जा रहा है। इसको लेकर प्रयास किया जा रहा है। शीघ्र ही व्यवस्था दुरुस्त होने की सूचना मिल रही है। -डा. पीयूष राय, जिला क्षय रोग अधिकारी, वाराणसी।