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    पूर्वांचल में नशे का करोड़ों का अवैध कारोबार, कोडीनयुक्त कफ सीरप और कैप्सूल की बरामदगी से सनसनी

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 11:28 AM (IST)

    पूर्वांचल में करोड़ों रुपये के नशे के अवैध कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने कोडीन युक्त कफ सिरप और कैप्सूल बरामद किए हैं, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। इस घटना ने नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार की गंभीरता को उजागर किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।

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    पुल‍िस लगातार सक्र‍ियता द‍ि‍खाकर कार्रवाई कर रही है लेक‍िन बड़ी मछली अभी पकड़ से बाहर ही है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल में वाराणसी से लेकर जौनपुर और भदोही ही नहीं सोनभद्र से लेकर अन्‍य पड़ोसी ज‍िलों में नशे के अवैध करोबार को लेकर सनसनी का माहौल है। कई आरोप‍ित फरार हैं तो कई माल कमाकर करोड़प‍त‍ि और अरबपत‍ि तक बन चुके हैं। जबतक जांच शुरू होती तब तक कई अंडरग्राउंड हैं तो कई माल खपाकर न‍िकलने के ल‍िए अंडरग्राउंड होकर काम कर रहे हैं। पुल‍ि‍स सक्र‍िय तब हुई जब प्रकरण ने स‍ियासी चोला ओढ़ ल‍िया और सपा ने इसमें म‍िलीभगत का आरोप लगाया। पुल‍िस लगातार सक्र‍ियता द‍ि‍खाकर कार्रवाई कर रही है लेक‍िन बड़ी मछली अभी पकड़ से बाहर ही है।

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    इसी कड़ी में भदोही में कोडीनयुक्त कफ सीरप व कैप्सूल बेचने पर मेडिकल एजेंसी संचालक पर मुकदमा दर्ज क‍िया गया है। कोडीनयुक्त कफ सीरप खरीद व बिक्री के मामले में भदोही के मेडिकल स्टोर भी शामिल हैं। जिले के चार मेडिकल स्टोरों में नशे का सामान बेचा गया। ड्रग इंस्पेक्टर कुमार सौमित्र ने भदोही नगर के मर्यादपट्टी स्थित महेंद्र मेडिकल एजेंसी की जांच की। जांच में पाया गया कि बायोहब कोविड नाम की 100 एमएल की 8640 शीशी कफ सीरप बेची गई।

    वहीं 72480 प्यूराक्सिविन स्पास (पी) कैप्सूल भी बेचा गया। मेडिकल स्टोर से यह दवा किस चिकित्सक के पर्चे पर बिकी और किसने इसे खरीदा इसका कोई रिकार्ड नहीं मिला। इस पर मेडिकल एजेंसी संचालक संजीव गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एजेंसी का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। औषधि प्रशासन की टीम ने अमवाकला के श्रीगुरुदेव मेडिकल एजेंसी, महाराजगंज के तिउरी में ओपी फार्मा व चौरी के राजेंद्र एंड संस मेडिकल स्टोर की भी जांच करने पहुंची लेकिन तीनों दुकानें बंद मिलीं।

    यहां भी कोडीनयुक्त कफ सीरप व प्रतिबंधित दवा की बिक्री की गई है। इन तीनों दुकानों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाने की नोटिस चस्पा कर लाइसेंस के निलंबित करने की संस्तुति की गई है। लखनऊ के औषधि निरीक्षक संदेश मौर्य ने 17 नवंबर को ईमेल के जरिए सूचना दी कि कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर में ई-321 प्रथम तल पर चल रही फर्म मेसर्स मेगा लॉजिस्टिक्स ने 13 जून 2024 से 26 जुलाई 2025 के मध्य 25 इनवाइस में फर्म मेसर्स महेंद्र मेडिकल एजेंसी मर्यादपट्टी को कोडीनयुक्त कफ सीरप और प्रतिबंधित प्यूरोक्सविन के 302 बाक्स की बिक्री की। शासन के निर्देश के क्रम में 18 नवंबर को मेडिकल की जांच की गई। 

    42.45 करोड़ के कफ सीरप की तस्करी में 14 पर केस

    जनपद में 42.45 करोड़ रुपये की कोडीनयुक्त कफ सीरप की अवैध तस्करी का तार अंतरराज्यीय गैंग से जुड़े होने के खुलासे के बाद मास्टर माइंड वाराणसी के शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला जायसवाल समेत 14 लोगों के विरुद्ध नगर कोतवाली में शुक्रवार को मुकदमा पंजीकृत कराया गया। तस्करी का मास्टर माइंड वाराणसी के चर्चित शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल के नाम पर झारखंड के रांची में शैली ट्रेडर्स फर्म है।

    इस फर्म से जनपद के 12 थोक दवा व्यवसायियों को 18 लाख 90 हजार शीशी कोडीनयुक्त कफ सीरप फेंसेडिल की बिक्री की गई। इन फर्मों के नाम बिल तो काटा गया लेकिन सीरप को जौनपुर न भेजकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश सहित कई राज्यों में तस्करी की गई। औषधि निरीक्षक ने गुरुवार को 12 फर्म संचालकों के विरुद्ध तहरीर दी थी। शुक्रवार को जांच के बाद आपूर्तिकर्ता पिता-पुत्र को भी आरोपित किया गया।

    इन पर दर्ज किया गया मुकदमा

    शैली ट्रेडर्स रांची के संचालक भोलानाथ जायसवाल, उनके पुत्र शुभम जायसवाल के अलावा जौनपुर के पूर्वांचल एसोसिएट ढालगरटोला, गुप्ता ट्रेडिंग बालवरगंज सुजानगंज, मिलन ड्रग्स सेंटर ढालगरटोला, मिलन मेडिकल एजेंसी बलुआघाट, शौकुश्य फार्मा सरफराजपुर, स्टार इंटर प्राइजेज दिलाजाक अकबरी मार्केट, श्रीमेडिकल एजेंसी मुरादगंज, हर्ष मेडिकल एजेंसी ढालगरटोला, बद्रीनाथ फार्मेसी एंड सर्जिकल कटघरा, निगम मेडिकल एजेंसीज ओलंदगंज, एसएन मेडिकल एजेंसी मुफ्ती मोहल्ला, श्रीकेदार मेडिकल एजेंसी उदपुर नौपेड़वां पर केस दर्ज किया गया है।

    जनपद की जिन फर्मों को रांची से सीरप की बिलिंग की जाती थी, उन्हें हर माह तय धनराशि शुभम जायसवाल देता था। वह कोडीनयुक्त सीरप को जनपद में न भेजकर दूसरे राज्यों में भेज देता था, जहां सीरप का उपयोग नशे के रूप में किया जा रहा था। जांच जारी है। जल्द ही और भी आरोपित कार्रवाई की जद में आएंगे।

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    आयुष श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक।