दुखी पुजारी बोले- मेरे दैत्रा बीर बाबा को छोड़ दीजिए, उनको मत छेड़िये
हम साधु संत हैं विवाद बढ़ाना नहीं चाहते कि प्राचीन मंदिर नही तोड़ी जाती उपरोक्त बातें उमरहा स्थित दैत्रा बीर बाबा मंदिर के पुजारी महन्त तूफानी गिरी ने ...और पढ़ें

वाराणसी (चौबेपुर) । दैत्रा बीर बाबा का मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर है।इसे हम अपने जीते जी तोड़ने नही देगे।सड़क बनेगी ओर विकल्प है। पर ठेकेदार, अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नही है। इससे विवाद बढ़ेगा, हम साधु संत हैं विवाद बढ़ाना नहीं चाहते कि प्राचीन मंदिर नही तोड़ी जाती। यह बातें उमरहा स्थित दैत्रा बीर बाबा मंदिर के पुजारी महन्त तूफानी गिरी ने कही।

सड़क का दिया विकल्प
उन्होंने कहा वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर उमरहा में स्थित पुल के पास दैत्रा बीर बाबा का यह प्राचीन मंदिर है। इसे शासन प्रशासन बन रहे फोर लेन में सड़क के डिवाइडर के बीच मे नाव की आकर में हमारे दैत्रा बीर बाबा को छोड़कर सड़क बनाये कोई दिक्कत नही ही।इस मंदिर के पीछे धर्मशाला है उसे तोड़ दीजिये उसपर सड़क बनाइये। उसके पीछे मन्दिर की भूमि है उस पर धर्मशाला बन जाएगा। मन्दिर के सामने भी सड़क पार मन्दिर की ही भूमि है उसको भी ले सकते हैं। मेरे दैत्रा बीर बाबा को छोड़ दीजिए, उनको मत छेड़िये।
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महंतों का लगा जमावड़ा
इस दौरान महन्त तूफानी गिरी के साथ नर्वदा गिरी,पुजारी गिरी, नागा गिरी,महादेव गिरी, बवण्डर गिरी आदि लोग साथ रहे। विदित हो कि एक सप्ताह पूर्व गाजीपुर एनएचआइ 29 के ठेकेदार ने दैत्रा बीर बाबा के पास दुर्गा मंदिर का चबूतरा जेसीबी लगाकर तोड़वाने लगे। महन्त बाबा अचानक मन्दिर के ऊपर चढ़कर अपने गमछे को गले मे डालकर फांसी लगाने के लिए लटक गये। घटना की जानकारी होते ही थानाध्यक्ष ओमनारायण सिंह ने मौके पर पहुंच काम रोकवाया और किसी तरह बाबा को मनाया तो वह नीचे उतरे।

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