'चुप नही रहना है हिंसा नही सहना है', बेटियों ने महिला हिंसा, यौन उत्पीड़न के खिलाफ बुलन्द की आवाज
घरेलू महिला हिंसा पखवाड़ा के तहत गुरुवार को गनेशपुर गांव में लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या यौन उत्पीड़न दहेज बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
वाराणसी, जेएनएन। घरेलू महिला हिंसा पखवाड़ा के तहत गुरुवार को गनेशपुर गांव में लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। गांव के सहोदरा नन्दन इण्टर कालेज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल लड़कियां, घरेलू महिला हिंसा बन्द करो भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, तिलक दहेज छोडो जात पात तोड़ो, भीख नहीं अधिकर चाहिए जीने का सम्मान चाहिए, औरत भी जिन्दा इंसान नही भोग की वह सामान, यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाये। लड़कियों ने घरेलू महिला हिंसा, बाल विवाह पर रोक लगाने की मांग किया। सैकड़ों लड़कियों और युवाओं ने भ्रूण हत्या, दहेज, गैरबराबरी, लड़कियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ हस्ताक्षर करके इसे जड़ से मिटाने का संकल्प लिया।
लोक समिति एशियन ब्रीज इंडिया ग्रामीण पुननिर्माण संस्थान ग्राम्या संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद आज भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा है। जबकि संवैधानिक ब्यवस्था ने सबको समान अधिकार दिए हैं लेकिन समाजिक ब्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नही प्राप्त हो पा रहा है, इसलिए सामाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना जरुरी है, क्योंकि सख्त कानून बनने के बावजूद आये दिन लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी बलात्कार घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही है जो कि सभ्य समाज के लिये बहुत चिंतनीय बात है। इसलिए लड़कियों और महिलाओं को अपने हक और अधिकार के लिए आगे आकर खुद पहल करना होगा।
सहोदरा नन्दन इण्टर कालेज के प्रबन्धक मुन्ना पटेल ने ग्रामवासियों से लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील किया। कार्यक्रम में स्वागत प्रबन्धक मुन्ना पटेल और संचालन फौजिया ने किया। धन्यवाद ज्ञापन रणविजय सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनीता, सोनी, सरिता, फौजिया बानो, आएशा, लालधन, विजय शंकर, राजकुमार, किशन, स्वीटी, रामबचन, विकास वाजपेयी आदि ने अपने विचार रखे।
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