प्राथमिक कृषि साख समिति को किया जाएगा कंप्यूटरीकृत, समय पर लेन देन करने वाले किसानों का अलग से बनेगा डाटा
प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के तहत जिलों में अच्छे ढंग से चल रही साधन सहकारी समितियों के दिन लौटने वाले हैं। भारत सरकार इन समितियों को कंप्यूटरीकृत के अलावा अन्य सुविधाओं से सुसज्जित करेगी। सारे रिकार्ड आनलाइन हो जाएंगे वहीं समितिवार एक व्यक्ति को रोजगार भी मिल जाएगा।
भदोही, जितेंद्र उपाध्याय। प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) के तहत जिलों में अच्छे ढंग से चल रही साधन सहकारी समितियों के दिन लौटने वाले हैं। भारत सरकार इन समितियों को कंप्यूटरीकृत के अलावा अन्य सुविधाओं से सुसज्जित करेगी। पूर्व में जो समितियां कभी अपनी ही समस्या से उबर नहीं पा रही थी उनमें कंप्यूटर लगने से जहां सारे रिकार्ड आनलाइन हो जाएंगे वहीं समितिवार एक व्यक्ति को रोजगार भी मिल जाएगा।
पूर्वांचल के वाराणसी, आजमगढ़ और मीरजापुर मंडल के दस जिलों में 1272 समितियों में 173 समितियां नई व्यवस्था के लिए चयनित की गई हैं। जिलों की इन समितियों की अपनी अच्छी साख है, किसानाें की उम्मीदाें पर यह खरा उतरती हैं और अच्छा खासा लेन देन का कार्य करती हैं। एक-एक समिति एक से डेढ़ करोड़ का करोबार करती है। इनसे लगभग 50 हजार किसान लाभ उठाते हैं।
पहली किस्त में आएंगे 13 हजार
सहकारिता विभाग की चयनित इन समितियों के लिए पहले चक्र में 13-13 हजार रुपये मिलेंगे। दूसरे चक्र में 26 व तीसरे में 30 हजार। कंप्यूटर की व्यवस्था होते ही यहां किसान की जमीन, उनका नाम पता आनलाइन हो जाएगा। सीजन में खरीदारी के बाद भुगतान भी आनलाइन होगा। जिन किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है उसका भी रिकार्ड यहां होगा। वहीं सरकार की जो भी योजनाएं संचालित होंगी वह सीधे किसान के मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से पहुंचेंगी।
मीरजापुर में सबसे ज्यादा 32 समितियों में लगेंगे कंप्यूटर
मीरजापुर जिले में 86 सहकारी समितियां हैं। इनमें 32 को अपडेट किया जाएगा। सीजन में ये लगभग 33 करोड़ का लेनदेन करती है। जबकि प्रत्येक समिति दो करोड़ से अधिक का उर्वरक बेचती है। इसी तरह गाजीपुर की 30, जौनपुर की 30, गाजीपुर की 28, भदोही की 21 समितियों का चयन हुआ है। दस जिलों में कुल मिलाकर 173 समितियां इस साल कंप्यूटरीकृत हो जाएंगी।
यही समितियां क्यों हुई चयनित
सहायक निबंधक सहकारिता राघवेंद्र शुक्ल ने कहा समितियों की पहचान उनके अच्छे कार्य से होती है। उनका लेन-देन मजबूत हो। किसानों को ऋण पर दिए गए उर्वरक की उधारी न के बराबर हो। कर्मियों का अच्छा बर्ताव हो। इसके अलावा एक-एक समिति सीजन में 70 से 80 लाख रुपये का लेनदेन करती है। 80-90 लाख रुपये तक का उर्वरक सीजन में किसानों को ऋण पर उपलब्ध कराती है।
चयनित समितियों में एक का कितना है औसत लेन देन और कितने किसान होते हैं लाभान्वित
जनपद कंप्यूटरीकृत कितनी करती लाभान्वित कितने का उर्वरक कुल समिति
औसत खरीदारी किसान बेचती हैं
मीरजापुर 32 1.90 करोड़ 2565 दो करोड़ 86
सोनभद्र 12 1.08 करोड़ 2102 52 लाख 62
चंदौली 08 2.60 करोड़ 2932 2.00 करोड़ 83
बलिया 28 1.64 करोड़ 1000 1.60 करोड़ 160
गाजीपुर 30 1.37 करोड़ 3230 1.02 करोड़ 182
आजमगढ़ 00 1.29 करोड़ 3061 1.04 करोड़ 250
जौनपुर 30 1.96 करोड़ 2627 1.05 करोड़ 208
वाराणसी 12 1.52 करोड़ 4537 2.00 करोड़ 93
भदोही 21 2.05 करोड़ 3220 90 लाख 56
मऊ 00 1.00 करोड़ 3210 65 लाख 92
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