Lockdown in varanasi : मध्यमवर्ग की कमर महंगाई ने तोड़ी, प्रशासन की सेवाओं का सभी को लाभ नही
Lockdown से मध्यमवर्ग इस समय सबसे अधिक प्रभावित है क्योंकि उसके पास राशन कार्ड नही लिहाजा सरकारी लाभ से भी वह वंचित है और दुकानों पर कीमतें बेलगाम।
वाराणसी, जेएनएन। मध्यमवर्ग महंगाई की आंच से अब झुलसने लगा है। प्रशासन की ओर से सीमित आपूर्ति और राशन की दुकान से मध्यमवर्ग को अलग करने की वजह से लोग आप परेशान होने लगे हैं। मजबूरी में महंगे समान खरीदने की विवशता के बीच लोगो की जेब भी ढीली हो चुकी है। वहीं शहर में होटल और टिफिन सेवाओं के सहारे रहने वाले बाहरी कामगारों की सबसे अधिक बदहाली सामने आ रही है। सरकारी सेवाओं का ऐसे लोगों को कोई फायदा नही नसीब होने से शहर में फंसने जैसी हालत हो चुकी है। महीने का आखिरी समय होने से लोगों की सैलरी भी खत्म होने के कगार पर है।
दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान जनता तो नियंत्रण में है, लेकिन सभी जरूरी सामानों के दाम आपे से बाहर होते जा रहे हैं। दुकानदार आटा, दाल, आलू-प्याज, सब्जी जैसी चीजों के दाम मनमाने तरीके से वसूल रहे हैं।
कुछ दुकानदार जहां सेवाभाव से लोगों को दैनिक उपयोग की सामग्री निर्धारित मूल्य पर बेच रहे हैं तो कई क्षेत्रों में गुरुवार को आटा 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिका। भोजूबीर सब्जी मार्केट में दुकानदारों ने आलू 40 रुपये प्रतिकिलो तक बेचा। शिकायत पर पहुंची एसीएम चतुर्थ सुभांगी पांडेय ने दुकानदारों को जमकर लताड़ लगाई। वहीं पहाडिय़ा मंडी में सफेद आलू 20 व लाल आलू 23 से 24 रुपये प्रति किलो बेचा गया। मंडी में आलू की आमद करीब 5 गाड़ी रही। वही प्याज 17 से 24 रुपये प्रति किग्रा बिका। प्याज की आमद 10 गाड़ी ही रही। व्यापारियों का कहना है कि ड्राइवर पुलिस की सख्ती के कारण आने से घबरा रहे हैं। लोडेड वाहन को लेकर दिक्कत नहीं है, लेकिन खाली गाड़ी लेकर वापस जाने पर बेवजह परेशान किया जा रहा है। इस बीच आलू मंडी में कुछ थोक व्यापारियों ने भी भाव बढ़ा कर आलू बेचने का प्रयास किया।
पहडिय़ा मंडी के थोक कारोबारी हीरालाल का कहना है कि शुक्रवार से 20 रुपये प्रति किलो की दर से सफेद व 23 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाल आलू बेचेंगे। उधर, कछवां रोड सब्जी मंडी में थोक आलू 2200 से 3000 प्रति क्विंटल एवं प्याज 2500 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका।