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बनारस को स्मार्ट बनाने की तैयारी, आइआइटी-बीएचयू व स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बीच हुआ समझौता

भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश भर के प्रमुख शहरों को बेहतर बनाने की प्रक्रिया में है। वाराणसी को भी स्मार्ट बनाने की तैयारी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 08:50 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 09:45 AM (IST)
बनारस को स्मार्ट बनाने की तैयारी, आइआइटी-बीएचयू व स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बीच हुआ समझौता
बनारस को स्मार्ट बनाने की तैयारी, आइआइटी-बीएचयू व स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बीच हुआ समझौता

वाराणसी, जेएनएन। भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश भर के प्रमुख शहरों को बेहतर बनाने की प्रक्रिया में है। मिशन के तहत वाराणसी को स्मार्ट सिटी में बदलने के लिए आइआइटी-बीएचयू व स्मार्ट सिटी लिमिटेड (वीएससीएल) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हाल ही में हस्ताक्षर किया गया था। मिशन को गति देने के लिए रविवार को संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने वर्चुअल सेंटर (स्मार्ट सिटी सेल) लांच किया। वर्चुअल सेंटर के माध्यम से संस्थान के शिक्षकों व पेशेवरों की टीम वीएससीएल के अधिकारियों संग समन्वय बनाकर स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करेगी। प्रो. जैन ने कहा कि दोनों संगठनों का जुड़ाव यहां के नागरिकों के रहने की स्थिति की बेहतरी में बड़ा कदम साबित होगा। यहां के विशेषज्ञ शहर के रणनीतिक परिवर्तन के लिए वीएससीएल की ओर से बनाई गई संरचनात्मक डिजाइन का सत्यापन और मूल्यांकन भी करेंगे।

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छात्रों को भी किया जाएगा शामिल

इस योजना में संस्थान के छात्रों को भी मौका दिया जाएगा, जिसके लिए वीएससीएल ने सहमति दे दी है। स्नातक व परास्नातक छात्र आइओटी, सूचना प्रौद्योगिकी, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, शहरी नियोजन, स्मार्ट मोबिलिटी, पर्यावरण, अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा, गंगा कायाकल्प आदि से संबंधित परियोजनाओं में इंटर्नशिप करेंगे। इन्हें महत्वपूर्ण तकनीकी चर्चाओं व बैठकों का भी हिस्सा बनाया जाएगा, ताकि वे भी अपनी राय साझा कर सकें।

इन मुद्दों का हल निकालेगा संस्थान

संस्थान की टीम भूजल और सतही जल संसाधनों के समुचित जल प्रबंधन में शामिल होगी। आॢटफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्लाउड व बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी संस्थाएं इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) व थ्री-डी सिटी मॉडलिंग तकनीकों के माध्यम से शहरों को विकसित करने में महती भूमिका निभा रही हैं। प्रोजेक्ट में इनकी भी मदद ली जाएगी। प्रो. जैन के मुताबिक संस्थान ने हाल ही में डेटा एनालिटिक्स और प्रिडिक्टिव टेक्नोलॉजीज (डीएपीटी) के क्षेत्र में सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित किया है। वीएससीएल ने शहर में यातायात और पैदल यात्री प्रबंधन के क्षेत्र में आईओटी व डीएपीटी लागू करने में रुचि दिखाई है।

वेबिनार शृंखला के माध्यम से साझा होगा ज्ञान

वर्चुअल सेंटर के माध्यम से आइआइटी-बीएचयू के विशेषज्ञों संग वेबिनार की एक शृंखला का आयोजन होगा, ताकि परियोजनाओं से मिली सीख, अनुभव और विशेषज्ञता अन्य स्मार्ट सिटी परियोजनाओं तक भी पहुंच सके। इसके लिए संस्थान की ओर से डा. अनुराग ओहरी, डा. अंकित गुप्ता व डा. शिशिर गौर एवं वीएससीएल से डा. डी वासुदेवन की टीम बनाई गई है। वीएससीएल के सीईओ गौरांग राठी ने संस्थान की पहल का स्वागत करते हुए इसे लक्ष्य प्राप्ति में सहायक बताया। 


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