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    UP में Smart Electricity Meter लगाने की तैयारी, इस मंडल से होगी शुरूआत...बदल जाएगा खपत और बिलिंग का तरीका

    Updated: Wed, 12 Jun 2024 08:27 AM (IST)

    स्मार्ट मीटर में रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराने की सुविधा है। उपभोक्ता अपने बिजली के खपत को मानिटर कर सकते हैं। अनावश्यक खर्च को कम कर सकते हैं। इससे बिजली बिल में कमी आ सकती है। स्मार्ट मीटर में दूरस्थ स्थान से सूचना प्राप्त करने की सुविधा होने के कारण बिजली कटौती एवं पुनर्स्थापना की सेवाओं को स्वचलित किया जायेगा।

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    उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर लगाने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। उपभोक्ताओं के पुराने स्मार्ट समेत अन्य मीटर अब बदले जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसका कार्य स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट के सर्विस प्रोवाइडर मेसर्स जीएमआर काशी स्मार्ट मीटर्स लिमिटेड को सौंपा गया है।

    कार्यदायी एजेंसी स्मार्ट मीटिरिंग प्रोजेक्ट की ओर से वाराणसी क्लस्टर के अंतर्गत वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया व मऊ जिले में कुल 27.3 लाख उपभोक्ताओं, वितरण परिवर्तकों एवं फीडरों पर स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाएंगे। डिस्काम द्वारा उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर लगाने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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    कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में कार्यदायी एजेंसी की ओर से प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस दौरान जिलाधिकारी एस राजलिंगम, जेसीपी के के एजिलरासेन, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक श्री शंभु कुमार, सीडीओ हिमांशु नागपाल, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तकनीकी निदेशक जितेन्द्र नलवाया समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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    मेसर्स जीएमआर लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटिरिंग प्रोजेक्ट एवं तकनीक, प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अब तक किए गए कार्य, स्मार्ट मीटर के लाभ, स्मार्ट मीटर के बारे में भ्रांतियां आदि के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि स्मार्ट मीटर बिजली खपत को सटीकता से मापने में सक्षम है।उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक खपत के आधार पर बिल प्राप्त होंगे।

    स्मार्ट मीटर में रियल टाइम डेटा उपलब्ध कराने की सुविधा है। उपभोक्ता अपने बिजली के खपत को मानिटर कर सकते हैं। अनावश्यक खर्च को कम कर सकते हैं। इससे बिजली बिल में कमी आ सकती है। स्मार्ट मीटर में दूरस्थ स्थान से सूचना प्राप्त करने की सुविधा होने के कारण बिजली कटौती एवं पुनर्स्थापना की सेवाओं को स्वचलित किया जायेगा जिससे समय व संसाधन की बचत होगी एवं उपभोक्ताओं सेवाएं बेहतर होंगी।

    स्मार्ट मीटर को मोबाइल की तरह ही आसानी से रिचार्ज किया जा सकता है। स्मार्ट मीटर से संचारित डेटा एनकिरेप्टेड होता है एवं डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित की जाती है।

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    एजेंसी ने सर्वे किया पूर्ण

    एजेंसी की ओर से अब तक 5,15,122 उपभोक्ताओं, 29,366 वितरण परिवर्तकों एवं 1477 फीडरों का सर्वे पूर्ण कर लिया गया। एजेंसी द्वारा प्रत्येक उपभोक्ता के घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे से प्राप्त डेटा की त्रिस्तरीय तकनीकी गुणवत्ता जांच की जा रही है। इसके उपरांत स्मार्ट मीटर की स्थापना की जा रही है।

    उपभोक्ता को विश्वास में लेना बड़ी चुनौती

    वाराणसी में लगभग बीस प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगा हुआ है। हालांकि मोबाइल की तरह इसे रिचार्ज करने की सुविधा नहीं है। लेकिन इससे उपभोक्ता संतुष्ट नहीं हैं। इसको लेकर अनगिनत शिकायतें हैं। पहले 100 रुपये का बिल चुकाने वाले अब पांच सौ रुपये से अधिक अदा कर रहे हैं।

    अब इन उपभोक्ताओं को एजेंसी की ओर से एक नए स्मार्ट मीटर के लिए तैयार करना चुनौती से कम नहीं। हालांकि एजेंसी से जुड़े लोगों का कहना है कि उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर से संबंधित जागरूकता बढ़ाने एवं स्मार्ट मीटर के लाभ से अवगत कराने के लिए माननीय जनप्रतिनिधियों, रेसिडेंसियल वेलफेयर एसोसिएशन का भी सहायोग प्राप्त किया जाएगा।

    इंटरनेट मीडिया, एसएमएस एवं 1912 ( कंट्रोल रूम), विद्यालय में कैंप लगाकर जागरूकता को बढ़ाकर स्मार्ट मीटर से संबंधित भ्रांतियों का दूर किया जायेगा।