पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के गेट पर गर्भवती का प्रसव, नवजात कबीरचौरा रेफर
वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में एक गर्भवती महिला को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण अस्पताल के गेट पर ही डिलीवरी हो गई। झारखंड की रहने वाली रेनू को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया था। नवजात शिशु का वजन कम होने के कारण उसे कबीरचौरा रेफर कर दिया गया है, जहाँ उसकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।

समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण अस्पताल के गेट पर ही डिलेवरी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में एक गर्भवती को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण अस्पताल के गेट पर ही डिलेवरी करानी पड़ी। यह घटना शुक्रवार को उस समय सामने आई, जब झारखंड जेमला की रहने वाली रेनू, जो हरिहरपुर में प्रयाग भट्टे पर मुन्ना सेठ के निर्देशन में काम करती थीं, प्रसव पीड़ा के बाद टेंपो से अस्पताल पहुंचीं, लेकिन गेट पर पहुंचते ही डिलीवरी हो गई।
रेनू मूल रूप से झारखंड की निवासी हैं। वाराणसी में मजदूरी करती हैं। गर्भावस्था के अंतिम चरण में होने के बावजूद, उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधा में देरी का सामना करना पड़ा। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर स्वजन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के गेट पर ही डिलेवरी करनी पड़ गई। इसके बाद पं. दीनदयाल उपाध्याय महिला अस्पताल ले जाया गया।
नवजात का वजन मात्र 1.6 किलोग्राम होने के कारण वह कमजोर था। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए नवजात को तुरंत कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां नवजात को गहन चिकित्सा इकाई (एनआइसीयू) में रखा गया है। सीएमएस डा. आरएस राम ने बताया कि डा. आरती दिव्या के देखरेख में मरीज का इलाज किया जा रहा है। मां की स्थिति स्थिर है, लेकिन बच्चे की हालत अभी थोड़ी नाजुक है।

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