एनसीएल की ककरी परियोजना बंद होने से बिजली संकट के आसार, 1700 कर्मी व अफसर प्रभावित
नार्दर्न कोल फील्ड यानी एनसीएल की ककरी परियोजना से कोयले का उत्पादन सोमवार से ठप हो जाने से बिजली संकट गहराना तय है।
सोनभद्र, जेएनएन। नार्दर्न कोल फील्ड यानी एनसीएल की ककरी परियोजना से कोयले का उत्पादन सोमवार से ठप हो जाने से बिजली संकट गहराना तय है। 2.1 मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता की ककरी खदान से उत्पादित कोयले का 95 फीसद हिस्सा अनपरा तापीय परियोजना की सभी लगभग इकाइयों में जाता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में बिजली के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। हालांकि इस मामले में अनपरा परियोजना के सीजीएम एचपी सिंह ने कोई खास चिंता नहीं जाहिर की।
सीजीएम ने बताया कि अनपरा परियोजना के बिजली उत्पादन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। कहा कि इकाइयों में पहले से कोयले का बड़ा भंडार रखा जाता है। हां, ये अलग बात है कि लंबे समय तक ककरी खदान से कोयले का उत्पादन नहीं होता है तो इसका प्रभाव पड़ सकता है। दरअसल, अनपरा परियोजना की कुल सात इकाइयां संचालित हैं। इसमें से आग लगने की घटना और ओवर हालिंग के कारण 500 मेगावाट की दो इकाइयां पहले से ही बंद चल रही हैं। फिलहाल कोयले को लेकर अभी कोई दबाव खास नहीं है। अफसरों का कहना है कि यदि आगे भी कोई बड़ी बाधा नहीं आई तो प्रबंधन कोई न कोई हल निकाल लेगा।
कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का आरोप है कि ककरी परियोजना की पर्यावरणीय एनओसी के लिए शासन स्तर से मजबूत प्रयास नहीं हुए। लिहाजा अब स्थायी व आउटसोर्सिंग के करीब 1700 कर्मियों व अफसरों को प्रभावित होना पड़ रहा है। हालांकि प्रबंधन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि परियोजना फिलहाल पूरी तरह से बंद नहीं हुई है बल्कि सिर्फ उत्पादन बंद किया गया है। परियोजना से उत्पादित हुए दो लाख मिट्रिक टन कोयले का स्टॉक है जिसका प्रेषण जारी रखा जाएगा।
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