नालों में जाली लगा कर रोकेंगे गंगा में पालीथिन का प्रवाह, वाराणसी में एनजीटी के निर्देश पर होगा अमल
गंगा समेत सहायक नदियों व अन्य जल स्रोतों में ठोस कचरा प्रवाहित होने से रोकने के लिए वाराणसी नगर निगम प्रशासन ने नई तरकीब निकाली है। अब सड़क किनारे के साथ ही बड़े नाले को भी ढकने की तैयारी है।

वाराणसी, जेएनएन। गंगा समेत सहायक नदियों व अन्य जल स्रोतों में ठोस कचरा प्रवाहित होने से रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन ने नई तरकीब निकाली है। अब सड़क किनारे के साथ ही बड़े नाले को भी ढकने की तैयारी है। इतना ही नहीं, इसके मुहाने पर बड़ी-बड़ी जाली लगाई जाएगी ताकि जल स्रोतों में ठोस कचरा जैसे-प्लास्टिक, शीशा, ईंट-पत्थर आदि को प्रवाहित होने से रोका जा सके।
यह कवायद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के निर्देशानुसार अमल में लाया जा रहा है। इस योजना को मूर्तरूप देने की जिम्मेदारी नगर आयुक्त गौरांग राठी ने अपर नगर आयुक्त देवीदयाल वर्मा को दी है जिनके निर्देशन में नगर निगम का सामान्य इंजीनियरिंग विभाग कार्य करेगा। वर्तमान में शहरी क्षेत्र में गंगा के दोनों किनारों पर पांच नाले गिरते हैं। इसमें दो नाले इस पार तो तीन नाले रामनगर इलाके से निकलता है।
इन नालों से करीब 60 एमएलडी गंगा में गंदगी गिरती है जिसे रोकने के लिए रमना में 50 एमएलडी शोधन क्षमता का एसटीपी निर्माणाधीन है। वहीं, रामनगर में 10 एमएलडी शोधन क्षमता एसटीपी बन रहा है। इन दोनों प्लांटों से गंगा में गिरते इन नालों को जोड़ दिया जाएगा लेकिन यह कवायद विलंबित है। इसे देखते हुए इन नालों के मुहाने पर जाली लगाने का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा वरुणा नदी के दोनों किनारे से आधा दर्जन नाले गिरते हैं जिससे नदी गर्मी व सर्द मौसम में अधिक प्रदूषण हो जाती है।
किनारे दुर्गंध भी उठता है। नक्खीघाट, नरोखतर नाला, बघवा नाला, सिकरौल नाला आदि प्रमुख हैं जिनसे नदी प्रदूषित हो रही है। यह गंदगी वरुणा नदी से होते हुए सराय मोहाना में गंगा से जा मिलती है। इस संगम स्थल पर गंगा का पानी बेहद काला हो जाता है जो आंख से भी दिखाई देता है। वहीं, इन नालों से बड़ी मात्रा में ठोस कचरा भी नदी में प्रवाहित हो जाता है। जाली लगने के बाद मुहाने पर ही बड़ी टंकी भी बना दी जाएगी जिसमें जमा ठोस कचरा का वक्त-वक्त पर निस्तारित कर दिया जाएगा।
नाले को ढकने व मुहाने पर जाली लगाने के लिए योजना बना ली गई
नाले को ढकने व मुहाने पर जाली लगाने के लिए योजना बना ली गई है। जल स्रोत में ठोस कचरा न प्रवाहित हो, इसके लिए यह कवायद की जा रही है जो स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर अंक पाने के लिए भी सहायक साबित होगा।
- देवीदयाल वर्मा, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम वाराणसी

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