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Jaunpur के भदेठी जा रहे हिंदू आर्मी के पदाधिकारियों को पुलिस ने रोका, पांच घंटे कोतवाली में बैठाया

हिंदू आर्मी के प्रमुख मनीष यादव के नेतृत्व में लखनऊ से सरायख्वाजा के भदेठी गांव के लिए निकले काफिले को मछलीशहर पहुंचते ही कोतवाली गेट पर पुलिस ने रोक लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 08:20 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 11:46 PM (IST)
Jaunpur के भदेठी जा रहे हिंदू आर्मी के पदाधिकारियों को पुलिस ने रोका, पांच घंटे कोतवाली में बैठाया
Jaunpur के भदेठी जा रहे हिंदू आर्मी के पदाधिकारियों को पुलिस ने रोका, पांच घंटे कोतवाली में बैठाया

जौनपुर, जेएनएन। हिंदू आर्मी के प्रमुख मनीष यादव के नेतृत्व में लखनऊ से सरायख्वाजा के भदेठी गांव के लिए निकले काफिले को मछलीशहर पहुंचते ही कोतवाली गेट पर पुलिस ने रोक लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी ग्रामीण संजय राय व एसडीएम समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अनुमति न होने की वजह से पदाधिकारियों को पांच घंटे कोतवाली में बैठाया गया। इसके बाद सभी को इस आश्वासन पर छोड़ा गया कि दोबारा बिना किसी अनुमति के वे जिले में प्रवेश नहीं करेंगे। छूटने के बाद पदाधिकारियों ने कोतवाली के सामने रामजानकी हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ कर हर-हर महादेव के नारे लगाये।

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सोमवार को पांच वाहनों में हिंदू आर्मी के पदाधिकारियों के भदेठी गांव जाने की सूचना पर पुलिस सक्रिय हो गई। उन्हें रोकने के लिए एएसपी ग्रामीण संजय राय, एसडीएम केके मिश्रा, सीओ अवधेश कुमार शुक्ला, कोतवाल विजय कुमार चौरसिया सहित पंवारा, मुंगरा बादशाहपुर, मीरगंज सर्किल के सभी थानों फोर्स एनएच-31 पर कोतवाली के मुख्य गेट पर तैनात हो गई। काफिल के पहुंचने पर उन्हें रोककर सभी को कोतवाली परिसर बैठा दिया। इस दौरान संगठन के प्रमुख मनीष यादव ने प्रदेश सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। कहा कि अन्य पार्टी के नेताओं को गांव जाने से नहीं रोका गया तो हमारे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है। आर्मी के प्रवक्ता सुशील तिवारी ने कहा कि सभी महज पीडि़तों का हाल जानने जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें रोक लिया गया। संगठन के लोगों ने गांव पहुंचने की काफी कोशिशें की, जो नाकाम हुईं। इस पूरी घटना को लेकर कोतवाली में काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।

भीम आर्मी के मंडलाध्यक्ष समेत पांच के खिलाफ मुकदमा

भीम आर्मी के सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा पुलिस पर दबाव बनाने के लिए किया गया धरना-प्रदर्शन महंगा पड़ा। सोमवार को पुलिस ने मंडलाध्यक्ष समेत पांच के खिलाफ नामजद व दस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसकी जानकारी होते ही समर्थकों में खलबली मची हुई है।

बीते आठ जून की रात गुरैनी गांव के रकबा मौजे में किसी बात को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गई थी। इसमें केशव राम घायल हो गए थे। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने को लेकर भीम आर्मी के सदस्य व पदाधिकारियों ने बीते 14 जून को स्थानीय थाना चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया था। धरने में करीब 60 से 70 लोग मौजूद थे। कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए शासन की ओर से निर्धारित किए गए निर्देशों का पालन न करने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। थाना प्रभारी संजय वर्मा ने बताया कि भीम आर्मी के मंडलाध्यक्ष विनय सागर, कमलेश राम, केशव राम, दीनानाथ, राकेश राम व दस अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। शासन के निर्देशों का पालन नहीं करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।


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