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UPSC 2020 Uttar Pradesh : मुंबई में पुलिस अधिकारी वाईपी सिंह की बेटी ईशा सिंह बनीं आइपीएस

ईशा सिंह की मां आभा सिंह देश की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता भी हैं। इंडियन पोस्टल सर्विसेज को छोड़कर समाज सेवा के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं। ईशा सिंह भी मां के साथ मुंबई में ही वकालत करती हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 02:56 PM (IST)
UPSC 2020 Uttar Pradesh : मुंबई में पुलिस अधिकारी वाईपी सिंह की बेटी ईशा सिंह बनीं आइपीएस
ईशा सिंह की मां आभा सिंह देश की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता भी हैं।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। रामनगर विकास खंड क्षेत्र के जवंसीपुर गांव निवासी मुंबई में पुलिस अधिकारी वाईपी सिंह की बेटी ईशा सिंह भी आइपीएस बन गईं। शुक्रवार की शाम लोकसेवा आयोग के परिणाम में 191 वां स्थान पाकर ईशा सिंह ने जनपद का नाम रोशन किया। उनकी इस सफलता की जानकारी होते ही गांव में जश्न का महौल है।

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ईशा ने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा लखनऊ व मुंबई के जेबी पेटिड एंड कैथेड्रल स्कूल में हुई। इसके पश्चात बंगलूरू के नेशनल लांं स्कूल से ग्रेजुएशन किया। बताया कि बचपन से ही मेरा सपना पापा की तरह भारतीय पुलिस सेवा में जाने का था जो आज पूरा हो गया। अपनी इस सफलता का श्रेय ईशा ने अपनी मां अधिवक्ता आभा सिंह को दिया है। बताया कि मां के मार्गदर्शन में कई रात जाकर तैयारी की। इस तैयारी मेंरे साथ मां भी बराबर लगी रहती थीं। ईशा सिंह की मां आभा सिंह देश की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता व अधिवक्ता भी हैं। इंडियन पोस्टल सर्विसेज को छोड़कर समाज सेवा के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं। ईशा सिंह भी मां के साथ मुंबई में ही वकालत करती हैं।

आइपीएस बनने के सावल पर ईशा सिंह कहती हैं कि मां के साथ तो वकालत कर ही रही थी, पिताजी की तरह ईमानदार पुलिस आफिसर भी बनाना चाहती थी। ईशा ने बताया तो कुछ दिन पहले वकालत में उनके कैरियर की बड़ी कामयाबी तब मिली जब उन्होंने मुफ्त में एक केस लड़कर तीन विधवाओं को कोर्ट के आदेश पर दस लाख रुपये मुआवजा दिलवाया था। इन विधवाओं के पति दो साल पहले मुंबई में सेप्टिक टैंक में उतरे थे और दम घुटने से उनकी मौत हो गई थी। जब चारों तरफ गुहार लगाने के बाद इन्हें न्याय नहीं मिला तो तीनों विधवाओं ने इंसाफ के लिए मां के पास पहुंची। इस दौरान मां और मैं इनका केस लड़कर इन्हें मुआवजा दिलवाया।


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