Varanasi Murder: वाराणसी में पांच कत्ल के मामले में पुलिस को भतीजे की तलाश, दीवाली पर बेंगलुरु से आया था घर
राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू बेटे नमनेंद्र शिवेंद्र और बेटी गौरांगी उर्फ गौरी की सोमवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जबकि राजेंद्र का शव रोहनिया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी। एक परिवार के पांच लोगों की सोमवार रात गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस को मारे गए राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और उसके मकान में रहने वाले तीन किराएदारों की तलाश है। बेंगलुरु में काम करने वाला विक्की दीपावली में वाराणसी आया था। इस दौरान उसने दादी शारदा से कई बार कहा था कि कुछ विशेष काम के लिए आया है और उसे पूरा करने के बाद ही वापस जाएगा। इस पर शारदा ने कहा कि ऐसा कुछ मत करना, जिससे परिवार का नुकसान हो।
पुलिस को राजेंद्र गुप्ता के भदैनी स्थित मकान में किराए पर रहने वाले बिहार के 22 से 25 वर्ष के तीनों युवकों पर भी शक है। तीनों ने पिछले महीने ही कमरा किराए पर लिया था और घटना वाली रात से ही अपने कमरे में ताला बंद करके फरार हैं। उनके मोबाइल फोन भी बंद हैं। कुछ दिन पहले उनकी किसी बात पर राजेंद्र से बहस भी हुई थी। पुलिस ने उनके कमरे का ताला तोड़कर तलाशी ली और उनके बगल के कमरे में रहने वाले शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
भेलूपुर के भदैनी में रहने वाले राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू, बेटे नमनेंद्र, शिवेंद्र और बेटी गौरांगी उर्फ गौरी की सोमवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजेंद्र का शव रोहनिया के लठियां में निर्माणाधीन मकान में मिला था। 1997 में राजेंद्र पर अपने छोटे भाई कृष्णा, उसकी पत्नी और पिता की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, बाद में कोर्ट से वह बरी हो गया। उसने विक्की, उसके छोटे भाई जुगून व बहन अनुप्रिया को पढ़ाया लिखाया। अनुप्रिया की शादी की और अभी वह पति के साथ दिल्ली में रहती है।
हत्याकांड की जानकारी होने पर दिल्ली में नौकरी करने वाला जुगनू मंगलवार रात वाराणसी पहुंचा, लेकिन विक्की का कोई पता नहीं चल रहा है। उसका फोन भी बंद है। पुलिस अभी तक 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल चुकी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार हत्यारों की संख्या चार या पांच हो सकती है। हत्या में पिस्टल के अलावा रिवॉल्वर का भी इस्तेमाल हुआ है। मौके से सिर्फ तीन खोखे मिले, जबकि 14 गोलियां चलाई गई हैं। मंगलवार को सुबह 11 बजे नौकरानी रीता सबसे पहले नीतू की कमरे में साफ-सफाई करने पहुंची तो हर रोज की तरह दरवाजा चिपका हुआ था। पुलिस को कमरों में जबरदस्ती घुसने या संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले हैं।
कमरों में सामान बिखरा हुआ था यानी, कीमती सामान, नकदी आदि भी तलाशने की कोशिश की गई थी। घर से क्या गायब हुआ, इस बारे में बताने वाला कोई नहीं। प्रथम तल पर ही राजेंद्र की वृद्ध मां शारदा का कमरा भी था। उनकी देखभाल के लिए नौकर नारायण भी साथ रहता था, लेकिन दोनों को ही गोली चलने का पता नहीं चला।

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