PM Modi Varanasi Visit: पीएम का वाराणसी से अटूट नाता! 11 सालों में 50वीं बार 'अपने काशी' आ रहे हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 11 अप्रैल को 50वीं बार काशी दौरे पर काशी आ रहे हैं। वह गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 2013 में पहली बार काशी आए थे। तब से वह लगभग हर तीन-चार महीने में काशी आते हैं। इस दौरान वह सैकड़ों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हैं। मोदी काशी में कई बार रात को भी रुके हैं।

अशोक सिंह, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मूल निवासी गुजरात के हैं। वहीं मुख्यमंत्री रहे। वह 2014 में वाराणसी संसदीय सीट से सांसद बने। प्रधानमंत्री की कुर्सी दिल्ली में संभालने के बावजूद उन्होंने काशी को नहीं छोड़ा।
उनको जब भी मौका मिलता है, वह काशी पहुंच जाते हैं। वह काशी आने और काशीवासियों से संवाद करने का बहाना खोजते रहते हैं। इसी का परिणाम है कि लगभग 11 वर्ष में वह 50वीं बार 11 अप्रैल को काशी आ रहे हैं।
घरों से पुष्प वर्षा कर रहे थे लोग
नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते राष्ट्रीय राजनीति की शुरुआत 20 दिसंबर 2013 को काशी से की। खजुरी में विजय शंखनाद रैली की। वहां पांच लाख लोगों ने स्वागत कर नया इतिहास रचा। उसके बाद लोकसभा चुनाव में नामांकन को आए तो मलदहिया चौराहे से कलेक्ट्रेट चार घंटे में पहुंचे। सड़क लोगों से पटी थी तो घरों की छतों से लोग पुष्प वर्षा कर रहे थे।
.jpg)
उसी दौरान उन्होंने कहा कि वह न तो यहां आए न ही किसी ने भेजा है, उन्हें तो मां गंगा ने बुलाया है। अब तो कहते हैं कि मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है। 16 मई 2014 को चुनाव परिणाम आने के अगले ही दिन काशी पहुंचे। मां गंगा की आरती की। स्वच्छता का संकल्प लिया। देश में स्वच्छ भारत की शुरुआत असिघाट पर फावड़ा चलाकर किया।
तीन-चार महीने में काशी आते ही हैं पीएम मोदी
वह लगभग तीन-चार माह के अंतराल पर काशी अवश्य ही आते हैं। सैकड़ों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हैं। इसमें 2018 में रिंग रोड, बाबतपुर फोरलेन, मार्च 2019 में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की आधारशिला तो 13 दिसंबर 2021 को लोकार्पण किया। वह चार बार एयरपोर्ट (ट्रांजिट विजिट) तक ही रहे। 10 साल में तीन मौके ऐसे भी आए जब उनका दौरा विभिन्न कारणों से निरस्त भी हुआ।

तीसरी बार सांसद बनने के बाद तीसरा दौरा
प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेने के बाद 18 जून 2024 जनता को धन्यवाद देने पहुंचे। मेंहदीगंज में सम्मेलन कर किसानों के खाते में सम्मान निधि भेजी। रात्रि विश्राम कर अगले दिन वापस चले गए। इसके बाद 20 अक्टूबर को आए और शंकरा आई हॉस्पिटल पूर्वांचल को जनता को समर्पित किया।
इसी दौरान डॉ. संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम का लोकार्पण किया। एक जून 2024 को मतदान के पूर्व वह 21 मई को डॉ. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नारी शक्ति संवाद किया। उसके पूर्व 13 मई को दो दिनी प्रवास पर पहुंचे और लंका से विश्वनाथ कारिडोर तक रोड शो किया। अगले दिन मां गंगा को नमन कर नामांकन किया।
महतारी वंदन योजना का किया था शुभारंभ
09 मार्च को भी दो दिवसीय दौरे पर आए। 10 को आजमगढ़ में 15 एयरपोर्ट का शिलान्यास-लोकार्पण कर लौटे तो एयरपोर्ट से ही छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना का शुभारंभ किया। 17 दिसंबर 2023 दो दिनी दौरे पर आए तो कटिंग मेमोरियल ग्राउंड में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में पहुंचे। अगले दिन स्वर्वेद मंदिर पहुंचे। 23 सितंबर 2023 नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास होने पर महिलाओं की जनसभा करने पहुंचे तो गंजारी में क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की आधारशिला रखी।
रुकते हैं तो करते हैं शहर में भ्रमण
मोदी का काशी से केवल आने-जाने तक नाता नहीं है। कई बार रात को रुके। 2022 के चुनाव के पहले आए यहां दो दिन रुके। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण पर आए तो रात में रुके। रात में सड़क पर निकलकर विकास कार्यों को देखा। गोदौलिया की सड़कों पर पैदल चलकर लोगों से मिले। बंद गाड़ी में कैंट स्टेशन पहुंचे। चुनावों में रोड-शो काशी के यादगार पल हैं।

कई बार वर्चुअली भी जुड़े
प्रधानमंत्री जब नहीं आ पाते हैं तो वर्चुअली जुड़ जाते हैं। लोकसभा चुनाव के पूर्व 31 मार्च को कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल टिफिन बैठक की। 30 मई को काशीवासियों के नाम वीडियो संदेश भोजपुरी में जारी किया। कोरोना काल में कहा भी कि वह चाहते तो हैं लेकिन ऐसा समय है की नहीं आ पा रहे।
काशी को मिस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को जहां भी मौका मिलता है काशी का उल्लेख करते हैं। यहां के खिलौना, खिलाड़ी, कलाकार आदि की चर्चा देश-विदेश के मंच और मन की बात में करते रहते हैं।
इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की वर्ष 2025 की शानदार शुरुआत, सिर्फ 15 दिनों में विजन को हकीकत में बदला

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।