साइबर सेल के सीओ विदुष सक्सेना ने बताया - 'पर्सनल डेटा की सुरक्षा से ही मिलेगी सुरक्षा'
साइबर सेल के सीओ विदुष सक्सेना ने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखकर ही साइबर अपराधों से बचा जा सकता है। उन्होंने लोगों को अपनी निजी जानकारी की सुरक्षा के लिए जागरूक किया और विभिन्न सुरक्षा उपायों की जानकारी दी। साइबर सेल लगातार साइबर अपराधों से बचाव के लिए प्रयासरत है।

वाराणसी में साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। डॉ घनश्याम सिंह महाविद्यालय, लालपुर, वाराणसी में एक साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें साइबर सेल के सीओ विदुष सक्सेना ने अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा के कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए।
यह कार्यक्रम बजाज फाइनेंस के “नॉक आउट डिजिटल फ्रॉड” नामक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कॉलेज के लगभग 150 छात्र-छात्राएं और फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।
विदुष सक्सेना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि वे जागरूक नहीं हुए, तो कोई भी व्यक्ति, चाहे वह दसवीं पास हो, मिनटों में उनका बैंक अकाउंट खाली कर सकता है। उन्होंने बताया कि हर उम्र और व्यवसाय के लिए ठगी करने वाले अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के ठगने का तरीका भिन्न होता है।
साइबर सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने वर्ष 2024 में भारतीयों से 24 हजार करोड़ रुपए ठग लिए हैं। यह धनराशि भारत से बाहर, जैसे कि चीन, कंबोडिया और दुबई जैसे देशों में जा रही है। हाल के समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एक करोड़ रुपए की ठगी हुई है।
यदि आप सतर्क रहेंगे और साइबर क्राइम से बचेंगे, तो आपको पुलिस के पास नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने सलाह दी कि ऐप्लिकेशन पर अपनी लोकेशन साझा न करें, क्योंकि हर 10 सेकंड में नए तरीके से साइबर ठगी हो रही है।
साइबर सेल के विशेषज्ञ विराट सिंह ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि लोग साइबर जागरूकता को नजरअंदाज करते हैं। वे सोचते हैं कि उनके साथ ठगी नहीं हो सकती, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण वे ठगी का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 18 से 20 तरीकों से साइबर ठगी की जा रही है। ठग डिजिटल प्रोफाइल बनाकर लोगों को डिजिटल बंदी बना लेते हैं।
आधार कार्ड की जानकारी भी वे डार्क वेब से प्राप्त कर लेते हैं। ऑनलाइन जॉब के नाम पर भी ठगी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी शादी के एपीके फाइल को ऑनलाइन खोलने से बचें और ऑनलाइन गेम में निवेश न करें।
इस कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंधक नागेश्वर सिंह, प्राचार्य डॉ आनंद सिंह, सब इंस्पेक्टर आकांक्षा सिंह, निकिता सिंह, जितेंद्र सिंह, बजाज फाइनेंस के रिस्क कंटेनमेंट यूनिट से शशिकांत तिवारी, जय वर्मा और बड़ी संख्या में कॉलेज के सदस्य उपस्थित थे।
बजाज फाइनेंस लिमिटेड (बीएफएल), जो भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है, एक राष्ट्रव्यापी वित्तीय साक्षरता और साइबर फ्रॉड जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इसका उद्देश्य डिजिटल उपयोगकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के खतरों के बारे में जानकारी देना और वित्तीय सुरक्षा के सर्वोत्तम उपाय सिखाना है।
यह अभियान भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 2024 के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जिसमें प्रारंभिक पहचान, स्टाफ जवाबदेही और जनसहभागिता को डिजिटल इकोसिस्टम को सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। कार्यक्रम में ओटीपी, पिन साझा न करना, संदिग्ध ईमेल, एसएमएस, लिंक, क्यूआर कोड से बचने और अज्ञात स्रोतों से ऐप डाउनलोड न करने की सलाह दी गई।
यह पहल उन सामान्य वित्तीय धोखाधड़ियों पर ध्यान केंद्रित करती है, जो फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सऐप ग्रुप और ऐसी वेबसाइटों के माध्यम से की जाती हैं, जो वित्तीय कंपनियों जैसी दिखती हैं।

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