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    क्रिप्टोकरेंसी के बहाने 15 करोड़ की ठगी करने वाला गिरफ्तार, कंपनी बनाकर फैलाया था जाल

    Updated: Tue, 12 Nov 2024 03:48 AM (IST)

    UP News - वाराणसी में पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य शुभम उर्फ विशाल मौर्या को गिरफ्तार किया। लगभग 3000 लोग ठगी के शिकार हुए और पुलिस को आशंका है कि ठगी की रकम 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। पुलिस अन्य 7 आरोपियों की तलाश कर रही है।

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    ठगी की रकम 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके अच्छी कमाई के लालच देकर 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य शुभम उर्फ विशाल मौर्या को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और ढाई लाख रुपये कीमत की बाइक बरामद हुई है। 

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    सात अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। ठगी के शिकार हुए लोगों की संख्या लगभग तीन हजार है और पुलिस को आशंका है कि ठगी की रकम 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। 

    यह है पूरा मामला

    साइबर क्राइम थाना पुलिस को रामनगर के राजू कुमार की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच में पता चला कि सितंबर 2022 को बस्ड ग्लोबल नाम की कंपनी शुरू की गई थी। इसका आफिस रामनगर में था। उन्नाव का अर्जुन शर्मा, बदायूं के सुकतिया चितरी का राजकुमार मौर्या, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग का प्रकाश जोशी कंपनी के निदेशक थे। 

    रामनगर के नवनीत सिंह, शुभम मौर्या, पंचवटी के विकास नंदा, गोलाघाट का मो. दानिश खान, रामेश्वर पंचवटी के सत्यम पांडेय को सुपरवाइजर बनाया गया। इन लोगों ने स्थानीय युवकों को अच्छा वेतन और कमीशन का लालच देकर नौकरी पर रखा और इनके जरिए 600 दिन में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर लोगों से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कराने का काम शुरू किया। 

    ठगों ने वाराणसी और आसपास के जिलों के अलावा बिहार, झारखंड, उत्तराखंड के लोगों को शिकार बनाया है। बिहार के नवनीत सिंह ने रामनगर के पते पर अपना आधार कार्ड बनवाया और स्थानीय परिचय देकर लोगों से मिलने लगा। 

    उसने ही स्थानीय युवकों को अपने साथ जोड़ा। वे रुपये क्रिप्टोकरेंसी में लगाते और उससे होने वाले लाभ से निवेशकों को पैसे देते थे। धीरे-धीरे उन्होंने सात अलग-अलग कंपनियां बना लीं और निवेश भी बढ़ने लगा। 

    अक्टूबर 2023 में कंपनी के निदेशकों ने घाटा बताकर लोगों को पैसा देना बंद कर दिया। इस साल मई में मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपित रुपये लेकर फरार हो गए। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से बिहार और झारखंड में छिपे रहे शुभम उर्फ विशाल मौर्या को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

    भारत में मान्य नहीं क्रिप्टोकरेंसी 

    क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति है, जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। दुनिया भर में अलग-अलग क्रिप्टो जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, डोजीकाइन आदि हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसी अभी मान्य नहीं है, इसलिए निवेशक इसमें ट्रेडिंग अपनी जोखिम पर करते हैं।