पराग डेयरी भदोही और चंदौली में लगाएगी तीन बल्क मिल्क कूलर, समितियों पर ही ठंडा होगा दूध
पराग डेयरी की ओर से भदोही के औरईपट्टी में एक व चंदौली में दो स्थानों पर बल्क मिल्क कूलर स्थापित किया जा रहा है। अब तक वाराणसी के आसपास के छह जिलों मे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी : राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के हाथ आने के बाद तंगहाली से मुक्त होकर पराग डेयरी ने अब मुनाफे के जतन शुरू कर दिए हैं। बंद पड़ी समितियों को खुलवाने के बाद अब दूध की गुणवत्ता बनाए रखने की दिशा में कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए भदोही के औरईपट्टी में एक व चंदौली में दो स्थानों पर बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) स्थापित किया जा रहा है। हर बीएमसी में दो हजार लीटर दूध संग्रह कर तुंरत ठंडा किया जा सकेगा। इनसुलेटेड हो जाने से दूध की गुणवत्ता और बेहतर होगी। परिवहन पर व्यय भी कम होगा, क्योंकि एक ही जगह बल्क में दूध मिल जाएगा और डेयरी तक अलग-अलग वाहनों के बजाय एक ही वाहन से दूध पहुंच जाएगा। इससे लगभग सात हजार पशुपालकों को राहत मिलेगी और दूध का अच्छा दाम भी। साथ ही पराग को भी नुकसान नहीं उठाना होगा।
अब तक वाराणसी के आसपास के छह जिलों में आठ बीएमसी चल रही हैं। अधिकारियों का दावा है कि अन्य दो जिलों में तीन बीएमसी 15 अप्रैल तक शुरू करा दीया जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि दूध इकट्ठा होने के बाद चिल्ड कर सीधे पराग डेयरी में भेजा जा सकेगा। वास्तव में दूध गरम करने से उसकी गुणवत्ता कम होती जाती है जब ठंडा करने से सभी गुण बरकरार रहते हैं।
डेयरी में वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही समेत अन्य जिलों के पशुपालकों के यहां से दूध लिया जाता है। अभी तक समितियों से दूध को इकट्ठा कर टैंकर या केन से पराग डेयरी वाराणसी लाना पड़ता था। इस तीखी धूप में दूध गर्म होने लगता है। इस कारण 15 से 20 मिनट के अंदर दूध की गुणवत्ता कम होने लगती है। कई पशुपालक बल्टा लेकर डेयरी दूध देने आते हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए बल्क मिल्क कूलर शुरू करवाया गया है।

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