Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी के रानी भवानी गली में पुराना मकान गिरा, हादसे में पांच लोग हुए जख्मी

    वाराणसी दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के रानी भवानी गली में पुराना मकान गुरुवार रात को ढह गया। मलबे में महिला समेत कई लोगों के दबे होने की सूचना। स्‍थानीय लाेगों के अनुसार तेज धमाके के साथ दो मंजिला मकान गिरा। आसपास के लोग तत्‍काल राहत कार्य में जुट गए।

    By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 29 Jan 2021 01:03 AM (IST)
    Hero Image
    दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के रानी भवानी गली में पुराना मकान गुरुवार रात को ढह गया।

    वाराणसी, जेएनएन। दशाश्वमेध थाना अंतर्गत रानी भवानी गली में गुरुवार रात करीब नौ बजे चार मंजिला मकान डी 6/23 भरभरा कर गिर गया। इससे पूरे मोहल्ले में अफरातफरी मच गई। गोपाल शर्मा के स्वजनों ने भागकर अपनी जान बचाई लेकिन उनकी 70 वर्षीय बुजुर्ग मां भारती देवी मलबे में दब गईं। बुजुर्ग मां को निकालने का प्रयास शुरू हुआ। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू कर उन्हें बाहर निकाला। बीएचयू के ट्रामा सेंटर में उन्हें भर्ती कराया गया है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्थानीय लोगों के अनुसार बुजुर्ग भारती देवी आधे घंटे मलबे में दबी रहीं। ट्रामा सेंटर में उनका सीटी स्कैन किया गया जिसके बाद डाक्टरों ने बुजुर्ग महिला को खतरे से बाहर बताया। यह मकान राम भवन ट्रस्ट का मकान है। गंगा किनारे मीरघाट के पास रानी भवानी गली स्थित करीब 100 साल से अधिक पुराने चार मंजिला मकान है। इसमें मद्रासी गोपाल शर्मा परिवार के साथ रहते हैं। मकान लाखौरी ईंट से बना है। जब हादसा हुआ तो परिवार के लोग खाना खा रहे थे। इसी बीच मकान का कुछ हिस्सा टूट गिरने लगा। यह देखकर गोपाल समेत उनकी पत्नी व दो बच्चे बाहर की ओर भागे। उनके बाहर आते ही कुछ ही क्षणों में मकान भरभरा कर गिर गया लेकिन गोपाल की 70 वर्षीय बूढ़ी मां अंदर ही मलबे में फंस गईं। गोपाल ने आसपास के लोगों की मदद से मां को बचाने का प्रयास शुरू किया। घटना में पांच लोग जख्मी हुए हैं।

    जर्जर भवनों को गिरवाएंगे एसीएम द्वितीय

    दशाश्वमेध क्षेत्र के मीर घाट में भवन गिरने की घटना ने एक बारगी फिर से जिला व नगर निगम प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमों के दाव-पेच से जर्जर भवनों की बढ़ रही संख्या को लेकर जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए एसीएम द्वितीय को बड़ी जिम्मेदारी दी है जो नगर निगम की सूची के अनुसार जर्जर भवनों को गिरवाने का कार्य करेंगे। इसमें नगर निगम व पुलिस उनके सहयोग में कार्य करेगी। एसीएम द्वितीय को यह जिम्मेदारी कानूनी दाव-पेच को देखते हुए दी गई है।

    नगर में दो दशक से जर्जर मकानों में इजाफा हुआ क्योंकि वाराणसी विकास प्राधिकरण ने गंगा किनारे दो सौ मीटर के दायरे में नवनिर्माण को रोक दिया। इस कारण वहां के सैकड़ों साल पुराने भवन की मरम्मत भी नहीं हो सकी। यही वजह है कि दशाश्वमेध जोन में जर्जर भवनों की संख्या एक सौ से अधिक है जिसे ध्वस्त करना जरूरी है। नगर निगम की सूची के अनुसार दो साल पहले जर्जर भवनों की संख्या 341 हो गई थी लेकिन बीते वर्ष बारिश में कई भवनों की दीवारें गिर गईं और कुछ लोग जख्मी हो गए तो 49 भवनों को ध्वस्त किया गया। अब भी जर्जर भवनों की संख्या 292 है। इसमें 193 ऐसे भवन हैं जिनका ध्वस्तीकरण बेहद जरूरी है। दो मीटर के दायरे में प्रतिबंध के कारण अधिकांश भवनों के नींव, ईंटें सड़ गईं हैं। दीवारें, छत व छज्जे काफी जर्जर हो चुके हैं। अगर बंदर भी इनके छज्जों पर कूद जाता है तो मलबा जरूर गिरता है।