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एक ही वर्कशाप में तैयार होंगी इंजन समेत 26 कोचों वाली ट्रेनें, बदलेगी अलग शेड में मरम्मत करने की परंपरा

अब इंजन-कोच के अलग शेड में मरम्मत करने की परंपरा बदल जाएगी। ट्रेनें एक ही वर्कशाप में तैयार होकर गंतव्य को रवाना होंगी। इस निर्णय से ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन सुरक्षा आदि को बेहतर बनाने में मंदद मिलेगी। एक साथ इंजन और कोच के मरम्मत के लिए वर्कशाप में जाने से इंजन खराब होने की आशंका भी कम हो जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sat, 23 Sep 2023 03:14 PM (IST)Updated: Sat, 23 Sep 2023 03:14 PM (IST)
एक ही वर्कशाप में तैयार होंगी इंजन समेत 26 कोचों वाली ट्रेनें। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

वाराणसी, राकेश श्रीवास्तव। अब ट्रेनें एक ही वर्कशाप में तैयार होकर गंतव्य को रवाना होंगी। इसकी संभावना तलाशने के लिए रेल मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) विनय कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सात सदस्यी टीम गठित की है। रेलवे के इस निर्णय से ट्रेनों के समयबद्ध परिचालन, सुरक्षा आदि को बेहतर बनाने में मंदद मिलेगी। अभी लोकोमोटिव (इंजन) और कोचों की मरम्मत के लिए अलग-अलग शेड का प्रविधान है।

इन विभागों की है मरम्मत की जिम्मेदारी

लोकोमोटिव मरम्मत का काम विद्युत विभाग देखता है, जबकि कोचों की मरम्मत मैकेनिकल (कैरेज एवं वैगन) विभाग की जिम्मेदारी है। देशभर में इसके लिए अलग-अलग शेड, विभाग और उनके अधिकारी-कर्मचारी हैं। ऐसे में कभी-कभी समन्वय में कमी के कारण इंजन और कोच समय पर तैयार नहीं हो पाने के कारण परिचालन में देरी होती है। इंजन फेल होने पर विवशता के कारण मालगाड़ी का इंजन यात्री ट्रेनों के लिए इस्तेमाल करना पड़ता है। बार-बार इंजन काटने और बदलने की जरूरत भी पड़ती है।

अब एक साथ मरम्मत के लिए वर्कशाप में जाएंगे इंजन और कोच

अब इंजन और कोच एक साथ मरम्मत के लिए वर्कशाप में जाएंगे। इससे इंजन खराब होने की आशंका भी कम हो जाएगी। मालगाड़ी के इंजन की गति यात्री ट्रेनों की अपेक्षा कम होती है। साथ ही इंजन और कोचों की मरम्मत का काम भी एक ही विभाग देखेगा। चूंकि देश में रेलवे के सैकड़ों लोकोमोटिव और कोच शेड हैं, इसलिए नई व्यवस्था को लागू करने से पहले रेलवे बोर्ड ने शीर्ष अधिकारियों की टीम गठित की है, जो नई व्यस्था को लागू करने की संभावना पर विचार करेगा। टीम में विनय तिवारी संग एके चंद्रा, मोहित चंद्रा, एनपी सिंह, शलभ गोयल, समीर लोहानी, अजीत सिंह रहे।

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वंदे भारत ट्रेनों के लिए उपयोगी

वंदे भारत ट्रेन में इंजन रैक के साथ लगा होता है। इस ट्रेन की मरम्मत की व्यवस्था भी अभी सिर्फ दिल्ली में है। वंदे भारत ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। नई व्यवस्था से वंदे भारत ट्रेनों की मरम्मत करना सुविधाजनक हो जाएगा।

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