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    गंगा में अब सीएनजी और हाथ वाली नाव ही चलेंगी, वाराणसी नगर निगम ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से उठाया कदम

    By santosh kumar tiwariEdited By: Saurabh Chakravarty
    Updated: Thu, 06 Oct 2022 10:31 PM (IST)

    गंगा में अब केवल सीएनजी आधारित व हाथ वाली नावों का ही संचालन होगा। किसी भी डीजल मोटर बोट का संचालन अब देव दीपावली ने नहीं किया जाएगा। इसके लिए नगर आयुक्त ने लाइसेंस विभाग को आदेश जारी किया है।

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    गंगा में अब केवल सीएनजी आधारित व हाथ वाली नावों का ही संचालन होगा।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : गंगा में अब केवल सीएनजी आधारित व हाथ वाली नावों का ही संचालन होगा। किसी भी डीजल मोटर बोट का संचालन अब देव दीपावली ने नहीं किया जाएगा। इसके लिए नगर आयुक्त ने लाइसेंस विभाग को आदेश जारी किया है।

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    नए आदेश के तहत देव दीपावली से गंगा में डीजल आधारित नावों का संचालन पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा। नगर आयुक्त का कहना है कि कई माह से डीजल आधारित मोटर नाव को सीएनजी में परिवर्तित करने का काम नगर निगम की ओर से चल रहा है। इसके लिए कई बार घाटों पर नाविक समाज के लोगों के साथ बैठक हुई लेकिन अब भी पूरी तरह से सभी नाव सीएनजी में परिवर्तित नहीं हुई हैं।

    नावों का रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही सीएनजी में परिवर्तित करा लें

    उन्होंने देव दीपावली से पहले बचे हुए नावों को सीएनजी में परिवर्तित करा लेने की अपील की है। बताया कि अब दोबारा किसी को मौका नहीं दिया जाएगा। बताया कि सीएनजी में नावों के परिवर्तित करने के लिए सभी अभिलेखों के साथ नाविक संबंधित जोनल अधिकारी से संपर्क करके नावों का रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही उसे सीएनजी में परिवर्तित करा लें।

    वाराणसी के ना‍विकों की आय में हो रहा इजाफा

    ना‍विकों की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। इस बाबत ना‍विकों ने बताया कि गंगा में तैरता हुआ सीएनजी पंपिंग स्‍टेशन बनने के बाद नौकाओं का संचालन सहज हुआ है। इसकी वजह से उनकी आय में भी काफी इजाफा हुआ है। बताया कि कुछ वर्षों में उनकी आय में लगभग 10 गुना तक इजाफा हो चुका है।

    गंगा में सीएनजी पंप के इंस्टॉलेशन से लोगों को काफी मदद मिली है। इससे आय में इजाफा हुआ है और श्रम भी कम हुआ है। इस बाबत वह बताते हैं कि घाटों की साफ- सफाई और स्वच्‍छता की वजह से यहां के 84 घाटों पर सीएनजी संचालित नौकाओं का चलना संभव हो सका है।

    काशी में लगभग डेढ़ लाख नाविक परिवार के सदस्य इस कार्य पर निर्भर रहते थे। समय के साथ ही स्थितियां और भी दुश्वार होने लगी। लेकिन, कुछ वर्षों में हमारी आय करीब 10 गुना तक सरकार के प्रयासों की वजह से बढ़ चुकी है।

    इसकी वजह उन्‍होंने गंगा घाटों पर लगातार स्वच्छता और घाटों पर साफ सफाई अभियान के साथ ही घाटों का पुनर्निमाण और काशी में मंदिरों का जीर्णोद्धार ही वजह बताया। कहा कि कुछ समय पहले यात्रियों की और पर्यटकों की मंदिरों में बढ़ने वाली संख्या की वजह से गंगा के घाटों पर लोगों का आना-जाना खूब बढ़ चुका है।