Move to Jagran APP
Explainers

दुन‍ियाभर में गंभीर समस्या बनता जा रहा NASH, जानें क्‍या है ये बीमारी और और इससे बचने के उपाय

प्रो. दीक्षित बताते हैं कि बीमारी को खत्म नहीं किया जा सकता लेक‍िन इस पर नियंत्रत जरूर पाया जा सकता है। इसमें दवाओं के विकल्प बहुत कम हैं। एंटी आक्सीडेंट जैसे विटामिन ई आक्सीडेटिव तनाव को कम करके इसे नियंत्रित रखा जा सकता है।

By Vinay SaxenaEdited By: Vinay SaxenaPublished: Fri, 09 Jun 2023 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jun 2023 04:36 PM (IST)
दुन‍ियाभर में गंभीर समस्या बनता जा रहा NASH, जानें क्‍या है ये बीमारी और और इससे बचने के उपाय
स्थिति गंभीर होकर सिरोसिस और लिवर कैंसर तक पहुंच जाती है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूरी दुन‍िया में नान अल्कोहलिक स्टेटो हेपेटाइटिस (नैश) एक बड़ी गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह फैटी ल‍िवर की वजह से होता है। बीएचयू के गैस्ट्रोइंट्रोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीके दीक्षित ने बताया क‍ि लिवर में चर्बी एकत्र होने से सूजन बढ़ जाती है। इससे लिवर को नुकसान पहुंचता है। स्थिति गंभीर होकर सिरोसिस और लिवर कैंसर तक पहुंच जाती है।

loksabha election banner

अंतरराष्ट्रीय नैश दिवस पर बीएचयू में आयोजित गोष्ठी में बोलते हुए प्रो. दीक्षित ने बताया क‍ि बताया कि नैश का शुरू में पता नहीं चलता। लेक‍िन इसके कई लक्षण हो सकते हैं।

जान‍िए नैश के लक्षण

  • थकान, पेट खराब रहना, वजन में कमी, पीलिया (त्वचा और आंखों में पीलापन), पैरों और पेट में सूजन इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • मोटापा, विशेषकर पेट की अतिरिक्त चर्बी, इंसुलिन प्रतिरोध, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्राल व आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी और अनियमित निद्रा भी रोग में सहायक हैं।
  • मोटापा, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा भी बन सकते कारक।

नैश से बचने के उपाय

  • संतुलित आहार और स्वस्थ जीवन शैली से इससे बचा जा सकता है।
  • कम कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लें, फल, सब्जी, अनाज और कम चर्बी वाले प्रोटीन से भरपूर भोजन करें।
  • शक्कर, सैचुरेटेड फैट, पैक्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
  • डायबिटीज और उच्च कोलेस्ट्राल जैसी स्थितियों का प्रबंधन करें।
  • स‍िगरेट, शराब पीने से बचें। थोड़ा-थोड़ा भोजन लें। रात को खाना आठ बजे के पूर्व खा लें।

भारत में 35.5% लोग हैं Hypertension का शिकार, जानें इसके बारे में क्या कहती है नई स्टडी

...तो लिवर प्रत्यारोपण ही विकल्प

प्रो. दीक्षित बताते हैं कि बीमारी को खत्म नहीं किया जा सकता, लेक‍िन इस पर नियंत्रत जरूर पाया जा सकता है। इसमें दवाओं के विकल्प बहुत कम हैं। एंटी आक्सीडेंट जैसे विटामिन ई, आक्सीडेटिव तनाव को कम करके इसे नियंत्रित रखा जा सकता है। बीमारी गंभीर हो जाने पर अंतिम विकल्प लिवर प्रत्यारोपण ही बचता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.