वाराणसी में झंडी की दरकार न औपचारिकता का इंतजार, शुरू हो गया कज्जाकपुरा आरओबी का संचालन
वाराणसी में छह साल के इंतजार के बाद कज्जाकपुरा आरओबी का संचालन शुरू हो गया। बिना किसी औपचारिकता के शुरू हुए इस आरओबी से शहर के जाम से राहत मिलने की उम ...और पढ़ें

वाराणसी में कज्जाकपुरा आरओबी का संचालन आखिरकार बिना किसी औपचारिकता के शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। छह साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बिना किसी औपचारिकता के बाद शनिवार की शाम साढ़े तीन बजे कज्जाकपुरा आरओबी का संचालन शुरू कर दिया गया। इस सड़क पर वाहन फर्राटा भरते नजर आए तो लगा अब शहर के जाम को थोड़ी राहत मिल गई है। इसके लिए बिना किसी हरी झंडी और औपचारिक कार्यक्रम के खोलने को लेकर चर्चा का माहौल भी बना रहा।
कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण पोर्टेबल फ्रेम तकनीक से किया गया है, और इसकी मियाद को सातवीं बार बढ़ाया गया था। अंतिम तिथि 30 नवंबर थी और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने खुद निरीक्षण कर राजकीय सेतु निगम को निर्देश दिया था कि एक दिसंबर से कज्जाकपुरा आरओबी चालू किया जाए। लेकिन स्पष्ट हो गया था कि आरओबी को चालू होने में कुछ दिन और लगेंगे। मगर 13 दिसंबर को ही अनौपचारिक तरीके से संचालन शुरू कर दिया गया है।
अंडरपास पर रखे बो स्ट्रिंग गर्डर से कंक्रीट ढलाई का कार्य बीते दिनों ही पूरा हो चुका था। फाइनल टच देने के साथ पिच रोड बनाने का काम तेजी से चल रहा था जो अब पूरा हो चुका है। हालांकि, इस आरओबी का औपचारिक लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों होने का इंतजार किया जा रहा था, जिसके कारण अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से कतराते रहे हैं।
कज्जाकपुरा आरओबी का कार्य सितंबर 2019 में शुरू हुआ था, और इसे पूरा करने की तिथि जून 2022 निर्धारित की गई थी। लेकिन काम में धीमी प्रगति के कारण शासन ने समयावधि बढ़ाकर मार्च 2024 कर दी। इसके बाद, शासन ने काम की गति को देखते हुए तिथि में संशोधन कर दिसंबर 2023 कर दिया। फिर भी, काम संतोषजनक नहीं होने पर शासन ने इसे मार्च 2024 और फिर जून 2025 तक बढ़ा दिया।
अंतिम तिथि 30 नवंबर थी, लेकिन विभागीय पेच और अधिकारियों की लापरवाही के चलते काम पूरा नहीं हो सका। कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने को लेकर भी काफी समय तक जद्दोजहद होती रही। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ट्रैफिक विभाग ने इसे बंद करने की अनुमति दी। रेलवे क्रॉसिंग पर बो स्ट्रिंग गर्डर रखने का कार्य लगभग एक साल पहले पूरा किया गया था।
इससे रेलवे क्रॉसिंग बंद कर दी गई थी। रेलवे अंडरपास पर भी बो स्ट्रिंग गर्डर रखने के लिए आवागमन बंद किया गया था। छोटे वाहन किसी तरह निकल रहे थे, लेकिन समय-समय पर इन्हें भी रोका जाता रहा। इससे क्षेत्रीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय लोग कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है।
कज्जाकपुरा आरओबी की शुरुआत न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे शहर के लिए महत्वपूर्ण है। इससे यातायात की समस्या में कमी आने की उम्मीद है। हालांकि, इस परियोजना में हुई देरी ने स्थानीय निवासियों के लिए कई चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं। अब जब आरओबी का संचालन शुरू हो गया है, तो यह देखना होगा कि क्या यह वास्तव में शहर के यातायात को सुगम बनाने में सहायक सिद्ध होता है।
कज्जाकपुरा आरओबी का संचालन शुरू होना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी योगदान देगा। स्थानीय निवासियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, अधिकारियों को इस परियोजना की प्रगति पर ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
इस आरओबी के चालू होने से क्षेत्रीय लोगों को राहत मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी देरी न हो। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि कब इस आरओबी का औपचारिक उद्घाटन होगा
जरूरी बिंंदु
छह साल बनने में लग गए
सितंबर माह में वर्ष 2019 में शुरू हुआ था काम
कज्जाकपुरा आरओबी लंबाई : 1355.51 मीटर
लागत : 14452.56 लाख
कार्य प्रारंभ : सितंबर-2019 कुल पिलर-54

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।