निवेदिता हत्याकांड : पति ने पांच लाख सुपारी देकर कराई थी हत्या, पति समेत पांच गिरफ्तार
चचेरी साली को पत्नी की सौतन बनाने वाले शैलेंद्र ने पांच लाख सुपारी देकर निवेदिता सिंह की हत्या कराई थी। ...और पढ़ें

वाराणसी, जेएनएन। चचेरी साली को पत्नी की सौतन बनाने वाले शैलेंद्र ने पांच लाख सुपारी देकर निवेदिता सिंह की हत्या कराई थी। लंका पुलिस ने आरोपित पति, उसकी दूसरी पत्नी, समेत पांच लोगों को नुआंव से गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने चापड़, लोहे की राड के साथ ही छह मोबाइल फोन बरामद किया।
एसएसपी आनंद कुलकर्णी और एसपी सिटी दिनेश सिंह ने रविवार को पुलिस लाइन में बताया कि बीते 11/12 अगस्त की रात शिक्षिका निवेदिता सिंह की हत्या के मामले में शैलेंद्र सिंह, काजल सिंह (दूसरी पत्नी), राजेश रायकवार, गीता रायकवार, शुभम परिहार उर्फ छोटकी को गिरफ्तार किया गया है।
बेटी पैदा हुई थी दिव्यांग तो पत्नी से रहने लगा था नाखुश शैलेंद्र ने पुलिस को बताया कि निवेदिता सिंह के साथ 2008 में शादी हुई थी। शादी के बाद हमारी एक बेटी पैदा हुई जो 15 दिन बाद मर गई। बेटी की मौत के बाद दोनों के बीच संबंध खराब हो गए। घरेलू विवाद के बीच आठ साल पूर्व एक और बेटी पैदा हुई लेकिन वह दिव्यांग थी। दोनों के रिश्ते खटास पैदा हो गई। विवाद इस कदर बढ़ा कि दो साल पहले वह पत्नी और बेटी को छोड़कर भिलाई चला गया। इस बीच भिलाई में ही निवेदिता की चचेरी बहन काजल से नजदीकियां बढ़ गई। भिलाई में हमने शादी की जिससे हमारी एक बेटी पैदा हुई जो अब एक साल की है।
भरण-पोषण के लिए दिए जाने वाले खर्च से चाहता था छुटकारा
काजल से रिश्ता बनने के बाद शैलेंद्र ने निवेदिता पर तलाक के लिए दबाव बनाया पर वो तैयार नहीं हुई। कोर्ट मुकदमा चला और न्यायालय द्वारा हर महीने भरण-पोषण के लिये मेरे कमाई का कुछ हिस्सा पहली पत्नी निवेदिता को देने का आदेश हुआ। निवेदिता नरोत्तमपुर में मेरे मकान में रहने लगी। मकान पर निवेदिता के कब्जा व भरण-पोषण के खर्च से वह परेशान रहने लगा।
चचेरी बहन ही बन गई जान की दुश्मन
शैलेंद्र ने अपनी परेशानी काजल से साझा की तो उसने अपनी सहेली गीता रायकवार के बारे में बताया और कहा कि वह समस्या का समाधान करा सकती है। गीता रायकवार व उसके पति राजेश रायकवार से मुलाकात हुई। गीता ने निवेदिता को रास्ते से हटाने का रास्ता सुझाया। निवेदिता को मारने के लिए पांच लाख रूपये में गीता से सुपारी तय हुई। गीता ने अपने एक जानने वाले जय उर्फ बाबा की मदद से मदद से दो हत्यारों से सौदा तय की जिनका नाम शुभम व रोहित था।
दस अगस्त को ही थी तैयारी
शुभम और रोहित को गीता अपने साथ लेकर को बनारस आई। तीनों ने निवेदिता का पीछा भी किया लेकिन मौका नहीं मिला। 11 अगस्त को भी दिन में ही गीता को रास्ते से हटाने के लिए पीछा किया लेकिन मौका नहीं मिला। इस बीच निवेदिता व गीता का आमना-सामना हो गया। निवेदिता गीता को पहचानती थी।
पति ने हत्यारों को बताया था मकान का नक्शा
दिन में मौका नहीं मिलने पर निवेदिता की हत्या में रात में घर में घुसकर करने की बनी। शैलेंद्र ने ही गीता को अपने नरोत्तमपुर वाले मकान का पूरा नक्शा समझाया था। गीता शुभम व रोहित को लेकर घर पहुंची। दोनो हत्यारे घर की छत पर चढ़ गए और शैलेंद्र के बताए तरीके से छत का दरवाजा खोलकर सीढ़ी के रास्ते नीचे आ गए। इस बीच आहट पाकर निवेदिता जाग गई। उसके शोर मचाने से पहले ही रोहित और शुभम ने उसपर चापड़ व लोहे की राड से हमला बोल दिया। सिर पर चापड़, लोहे की राड से वार किया व हाथ काट दिया। मृतका की चीख निकली तो उसका मुंह तकिया से दबा दिया। हत्या के बाद दोनों छत पर आए और दरवाजा बंदकर वापस आ गए।
सर्विलांस की मदद से कामयाबी
गीता को निवेदिता ने पहचान लिया था और अपने एक परिचित से मोबाइल पर इसका जिक्र किया था। यहीं से पुलिस को सुराग मिला और कड़ी से कड़ी जुड़ती गई।
गिरफ्तार करने वाली टीम लंका थाना प्रमुख भारत भूषण तिवारी, प्रकाश सिंह, ईश्वर दयाल दुबे, शैलेंद्र सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी थे।

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