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    नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के दावे का रिलायंस के प्रवक्ता ने किया खंडन

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Wed, 17 Mar 2021 02:25 PM (IST)

    बीएचयू ने नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के लिए पत्र भेजने का दावा किया था जिसकी प्रति दैनिक जागरण के पास मौजूद है। नीता अंबानी को बीएचयू के म ...और पढ़ें

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    रिलायंस इंडस्ट्री के प्रवक्ता के मुताबिक नीता अंबानी को बीएचयू से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।

    वाराणसी, एएनआई। रिलांयस फाउंडेशन की अध्यक्ष और रिलांयस इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक नीता अंबानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने का मामला अधर में लटक गया है। बीएचयू ने 12 मार्च 2021 को इस संबंध में नीता अंबानी को पत्र भेजने का दावा किया था। दैनिक जागरण के पास इस पत्र की प्रति मौजूद है। वहीं अब रिलायंस इंडस्ट्री के प्रवक्ता की तरफ से बीएचयू के दावे का खंडन किया गया है। रिलायंस के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि नीता अंबानी को बीएचयू से ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।

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    दैनिक जागरण को दी गई जानकारी में बीएचयू की तरफ से दावा किया गया था कि नीता अंबानी ने विजिटिंग प्रोफेसर बनने पर मौखिक सहमति दे दी है। उन्हें बीएचयू में महिला अध्ययन का पाठ पढ़ाना था। उन्हें बीएचयू के महिला अध्ययन और विकास केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा भेजे जाने की जानकारी दी गई थी।  

    वहीं अब रिलायंस इंडस्ट्री के प्रवक्ता की तरफ से 17 मार्च 2021 को नीता अंबानी को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने का खंडन किया गया है। एएनआई के अनुसार उन्हें बीएचयू से इस बाबत कोई निमंत्रण नहीं मिला है। खंडन में इस आशय की खबरों को गलत बताते हुए किसी प्रकार की सूचना से इंकार किया गया है। उधर रिलायंस इंडस्ट्री की तरफ से खंडन आने के बाद भी बीएचयू में सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. कौशल किशोर मिश्रा अपनी बात पर कायम हैं। उनका कहना है कि विभाग की ओर से नीता अंबानी को पत्र जारी किया गया था।

    प्रो. कौशल किशोर मिश्रा के अनुसार बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से 12 मार्च 2021, अर्थात बीते शुक्रवार को यह प्रस्ताव दिया गया था। इसमें उन्हें बनारस सहित पूर्वांचल भर में महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने के लिए बीएचयू से जुडने का आग्रह किया गया था।

    मालूम हो कि बनारस सहित पूर्वांचल में रिलायंस फाउंडेशन का कोई कार्य अब तक नहीं पहुंच पाया है। लिहाजा उम्मीद जताई गई थी कि, बीएचयू के माध्यम से वह पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिला उद्यम को बढ़ावा देंगी। योजना थी कि बीएचयू में बतौर विजिटिंग प्रोफेसर नीता अंबानी के व्याख्यान के अलावा, उनकी मदद से कार्यशाला और प्रशिक्षण भी दिलावाया जाएगा। हालांकि रियालंस इंडस्ट्री ने न्यूज एजेंसी एएनआई से नीता अंबानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाए की खबरों का खंडन किया है।

    बीएचयू ने झाड़ा पल्‍ला

    दूसरी ओर बीएचयू प्रशासन की ओर से एक पत्र जारी कर नियुक्ति की बाबत कोई भी आधिकारिक सूचना होने से इन्‍कार किया है। इस बाबत विश्‍वविद्यालय की ओर से स्‍पष्‍ट किया गया है कि इस प्रकरण में न तो कोई आधिकारिक निर्णय विश्‍वविद्यालय की ओर से लिया गया है और न ही कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है। बताया गया है कि इस बाबत विद्वत परिषद की मंंजूरी आवश्‍यक होती है और इस मामले में किसी भी प्रकार की मंजूरी के लिए कोई प्रस्‍ताव विद्वत परिषद के सामने विचारार्थ प्रस्‍तुत हुआ है। 

    (डिस्क्लेमर - बीएचयू की तरफ से 12 मार्च 2021 को नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के लिए पत्र भेजने का दावा किया गया था। दैनिक जागरण के पास पत्र की  प्रति मौजूद है। पत्र पर सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन केके मिश्रा और महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र की समन्वयिका प्रोफेसर निधि शर्मा के हस्ताक्षर और मुहर भी हैं। हालांकि न्यूज एजेंसी एएनआई ने रिलायंस इंडस्ट्री के प्रवक्ता के हवाले से नीता अंबानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने का खंडन किया है। लिहाजा खबर को एएनआई के इनपुट के आधार पर अपडेट किया गया है।)