जेल में तीन मौत पर NHRC गंभीर, डीजी कारागार से मांगी रिपोर्ट; 48 घंटे के भीतर एक कैदी व दो बंदियों की मौत से गंभीर हुआ मामला
केंद्रीय कारागार और जिला जेल में 48 घंटे के भीतर तीन बंदियों की मौत मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया है। इस संबंध में महानिदेशक जेल और पुलिस कमिश्नर वाराणसी से एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। केंद्रीय कारागार और जिला जेल में 48 घंटे के भीतर तीन बंदियों की मौत मामले का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया है। इस संबंध में महानिदेशक जेल और पुलिस कमिश्नर वाराणसी से एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
केंद्रीय कारागार व जिला जेल को एनएचआरसी का नोटिस प्राप्त भी हो चुका है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जेल और पुलिस के दोनों ही उच्च पदस्थ अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट में दिवंगत कैदी 45 वर्षीय कुमार उर्फ रामकुमार, महिला बंदी 70 वर्षीय कलावती देवी व 50 वर्षीय बंदी डॉ. वेंकटेशन मौआर की प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट शामिल करने को कहा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नोटिस में बीते 15 और 16 जून को केंद्रीय कारागार में कैदी की हृदयाघात से मौत व जिला कारागार में निरुद्ध दो बंदियों की बीमारी से मौत पर गंभीर चिंता जताई है। आयोग का मानना है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा बनेगा।
सेंट्रल जेल के कारापाल अखिलेश कुमार ने बताया कि कुमार उर्फ रामकुमार को हृदय संबंधी बीमारी पहले से थी। उसका जेल में दाखिल होने से पूर्व से इलाज भी चल रहा था। जिला कारागार के अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों ही मौतें अचानक तेज बुखार आने के बाद उपजी दुश्वारियों के कारण हुई थीं। बलिया में सीएचसी अधीक्षक रहे डा. वेंकटेशन मौआर को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। उनकी मौत पर परिजन ने जेल प्रशासन पर इलाज के बजाय संवेदनहीनता का आरोप लगाया था।
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